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शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

497....सब नहीं लिखते हैं ना ही सब ही पढ़ते हैं सब कुछ जरूरी भी नहीं है लिखना सब कुछ और पढ़ना कुछ भी

सादर अभिवादन
माह नवम्बर समाप्ति की ओर है
साल सत्रहवां आने वाला है
तैय्यारियाँ जोर-शोर से जारी है
कुछेक लोग...
पाँच सौ और हजार के नोंटो का तोरण
बनाने में व्यस्त है....

आज की पसंदीदा रचनाएँ......

वर्तमान साहित्य.......... राकेशधर द्विवेदी

सूर्य हुआ अस्त है, लुटेरा हुआ मस्त है
साहित्यकार आज यश भारती में व्यस्त है  

देश और प्रदेश में लुट रहा इंसान है
न्याय है रो रहा, चीखता हर विद्वान है




दिल में तेरी यादों का गुलाब खिल तो आया है
साथ हिस्से में मगर कुछ कांटे भी मेरे आये हैं

सोचता हूँ क्यों कोई नहीं मिलता अपनों सा यहाँ
फिर याद आता है मुझे हम इस देश में पराये हैं




वह बृद्धा पेन्सन के
पाई थी बैंक से पाँच सौ के तीन नोट
गई थी पंसारी की दुकान
लेने नमक आटा आदि
समान रख पोटली में
बढ़ाया दाम में
एक पाँच सौ का नोट
उछल गया दुकानदार देख



मिथ्या बौद्धिकता, 
झूठे अहम और छद्म आभिजात्य 
के मुखौटे के पीछे छिपा 
तुम्हारा लिजलिजा सा चेहरा 
मैंने अब पहचान लिया है 


किसने कहा कि दिल में तू मेहमान बनके आ, 
ये तेरी सल्तनत है, तू सुल्तान बन के आ !
इक दिन तो बोल खुल के, तड़पता मेरे बगैर !
दिल के गरीब एक दिन , धनवान बन के आ।



हम भ्रष्टन के..भ्रष्ट हमारे: गीता सार...स्वामी समीर लाल 'समीर'
कल घूस नहीं मिली थी, बुरा हुआ.
आज भी कम मिली, बुरा हो रहा है.
कल भी शायद न ही मिले, वो भी बुरा होगा.
नोटबंदी और नोट बदली का दौर चल रहा है...
तनिक धीरज धरो...हे पार्थ,
वो कह रहे हैं न, बस पचास दिन मेरा साथ दो..दे दो!!
फिर उतनी ही जगह में डबल भर लेना.
१००० की जगह २००० का रखना.


आज का शीर्षक..
बहुत होता है 
खुदा झूठ 
ना बुलाये 

अब खुदा 
बोल गये 
भगवान 
नहीं बोले 
समझ लें

..................
आज्ञा दें यशोदा को..
सादर

6 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया रचनाओं में स्थान देने के लिए आभार यशोदा जी ... मंगलकामनाओं के साथ !

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  2. मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर सूत्रों से सजी शुक्रवारीय हलचल में 'उलूक'के सूत्र 'सब नहीं लिखते हैं ना ही सब ही पढ़ते हैं सब कुछ जरूरी भी नहीं है लिखना सब कुछ और पढ़ना कुछ भी' को जगह देने के लिये आभार यशोदा जी ।

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  4. बेहतरीन चर्चा से सजी आज की चर्चामंच!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर रचनाओं का चयन आज की हलचल में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी !

    जवाब देंहटाएं

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