दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
रविवार, 7 अगस्त 2016
387.....व्यर्थ नही है यह जीवन
6 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंइतनी बढिया प्रस्तुति
मैं तो न बना पाती ऐसी
सम्पूर्ण प्रस्तुति
सादर
बढ़िया अंक विरम जी । आभार 'उलूक' के सूत्र 'श्श्श्श शोर नहीं मास्साब हैं...........' को स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंभाई विराम जी....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं आप को...
दिल से प्रस्तुति बनाई है...
लगे रहो....
सुन्दर हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंसबसे अनुभवी व्यक्तियों का ब्लॉग... धन्यवाद
जवाब देंहटाएंउत्तम विचार हैं आपके...
और भी पढ़ें... bhannaat.com, मोबाइल जानकारी के लिए... digitechon.com
बहुत उम्दा हलचल |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |