इज़ाज़त दीजिए यशोदा को..
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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रविवार, 24 अप्रैल 2016
282....जिसमें कुछ गधे होते हैं जो सारे घोडो को लाईन में लगा रहे होते हैं
इज़ाज़त दीजिए यशोदा को..
2 टिप्पणियां:
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बहुत सुन्दर सूत्रों से सजी हलचल ! मेरी रचना 'शब्दों का पैरहन' को आज की हलचल में सम्मिलित करने के लिये आपका हृदय से आभार यशोदा जी ! बहुत-बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बढ़िया प्रस्तुति । 'उलूक' के गधे और घोड़े को शीर्षक देने के लिये आभार ।
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