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सोमवार, 11 जनवरी 2016

177.......मुस्कुराना सिखाती है मित्रता

स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री
पूर्व प्रधानमंत्री, भारत


2 अक्टूबर 1901 – 11 जनवरी, 1966
विनम्र श्रद्धांजली, आज पुण्य तिथि है
...........

सादर अभिवादन स्वीकार करें...

आज की पसंद...


हमने तो तोहफे में दिल दिया,
जाने वे उसे क्या समझ बैठे ,
दूसरे नजरानो की तरह ही,
रख किसी कोने में घर के,


मिटने से मेरे दर्द भी मिट जाये गर तेरा
तो सामने रखा है तेरे सुन यह सर मेरा

तेरे दर्द का मैं ही हूँ सबब जानता हूँ मैं
सब दर्द तेरे सच हैं सखी, मानता हूँ मैं


जहाँ सब छोड़ जाते हैं
वहां आ खड़ी होती है मित्रता
कठिन से कठिन समय
भी मुस्कुराना सिखाती है मित्रता


चंद कदम भर साथ तुम रहे,
संग चल कर हमसफर न हुए,

पग पग वादा करते ही रहे,
होकर भी एक डगर न हुए ।


बेवफाई का है अजब आलम ,
अब कहाँ जाँ-निसार मिलते हैं।

एक सिहरन है लाज़िमी उठना,
जब "कुँवर" दिल के तार मिलते है।


पाँच कड़ियाँ पूर्ण हुई
चलते-चलते...
ये रख दी मैंनें आज की प्रथम कड़ी


मगध सत्ता में..गिरीश पंकज
उभरे दुरजन धीरे-धीरे
खुला करप्शन धीरे-धीरे ।।

संतो, बचना पास बुलाए
तन, धन, कंचन धीरे-धीरे ।।
......
इज़ाज़त दें यशोदा को
फिर तो मिलना ही है











5 टिप्‍पणियां:

  1. शुभप्रभात. दीदी...
    आजादी के बाद...
    सबसे प्रीय हैं मुझे स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी....
    पर ऐसे नेताओं को टिकने कौन देता है...
    श्रधा से कोटी-कोटी नमन...
    सुंदर लिंक संयोजन....
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर लिंक संयोजन । मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए हार्दिक आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
    स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्य तिथि पर सादर श्रद्धा सुमन!

    जवाब देंहटाएं

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