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रविवार, 3 जनवरी 2016

169...ऑक्सफ़ोर्ड और श्रीमद्भगवद गीता


जय मां हाटेशवरी...

नई आशाओं और नए सपनों के साथ पूरे धूम धाम से साल 2016 का आगाज हो गया है...
हम कामना करते हैं कि नव वर्ष का हर दिन आप सब के लिये केवल खुशियों  भरा हो...
नया सवेरा नयी किरण के साथ...
नया दिन एक प्यारी सी मुस्कान के साथ...
आपको नया साल मुबारक हो ढेर सारी दुआओं के साथ...
 पांच लिंकों का आनंद पर मैं कुलदीप ठाकुर 2016 की शुरूआत करते हुए पेश है आज की हलचल...

प्यार की कोई वज़ह न थी
कह रहे हैं...Girish Billore  जी...
हिंदी कैलेण्डर की तो बरसी मनाते हैं हम भारतीय
सत्य ही तो कहा     हैं...ZEAL  जी...
 उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
 मेरे दिल की बात में... Swarajya karun...
Opinion -- दो सरकारें, दो एजेंडे, दो रुख और दो परिणाम
Rambilas Garg जी...  का ये लेख अवश्य पढ़ें...
 ऑक्सफ़ोर्ड और श्रीमद्भगवद गीता
Raravi जी...की कलम से निकली एक विचारणीय रचना...

समय कम है...
पंचायत चुनाव का दौर है...
व्यस्त न होते हुए भी व्यस्त हूं...
आनन-फानन में यही बन सका...
धन्यवाद।

 

3 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    काम जिसे बहुत रहता है
    वे उस जरुरी काम को करते हुए भी
    अन्य काम को निपटाते चलते हैं
    आप कभी भी कहीं भी
    अक्षम नहीं हैं भाई कुलदीप जी
    प्रस्तुति का अंदाज
    है...लाजवाब
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
    आभार!

    जवाब देंहटाएं

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