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रविवार, 12 अक्टूबर 2025

4538.... उबड़-खाबड़ सतह पर कैसा ईश अनुग्रह है

 सादर अभिवादन

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर , शादार प्रस्तुति
    आभार
    वंदन

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  2. सुंदर चर्चा आभार मेरी रचना को शामिल किया

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर सार्थक सूत्र ! कल दिन पर इन्टरनेट बाधित रहा इसीलिये समय से प्रतिक्रिया नहीं दे पाई ! क्षमा चाहती हूँ ! कल की अनमोल हलचल में मेरी रचना को आपने स्थान दिया आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार यशोदा जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

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