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बुधवार, 27 अगस्त 2025

4493..बरसात ठहरी है

श्रीगणेश 

सुबह - सुबह की 

नये विश्वास के साथ

नए आस के साथ 

आज आप सभी पढे..✍️

शुभता के प्रतीक गणनायक 


गणपति हैं जन-जन के नायक 

हर घर-आँगन में बस जाते, 

नृत्य, गायन, साज-सज्जा के 

जाने कितने ढंग सिखाते !

✨️

मृत्यु

1.

जीवन के बाद

एक नया जीवन है 

मृत्यु 

2.

लोभ, मोह 

माया से परे 

एक नया जीवन है 

मृत्यु 

✨️

सुवासित रुप

ये प्रेम ही

नदियाँ चुपचाप नील गगन में बहती है ।

वे हमसे चुपचाप कुछ कहती है ।

श्वेत - नील स्वच्छ पयो परिधान

रजतवर्ण चाँदी सा..

✨️

साँसों के भीतर छुपे मौसम...


मेरे फेफड़ों में

अब भी

बरसात ठहरी है —

धूप की गंध लिए

वो पहली फुहारें,

जो तुम्हारी हँसी से

भीग गई थीं।

हर साँस

एक अलग मौसम बन कर

गुज़रती है..

✨️

।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह ' तृप्ति '..✍️

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात! सुंदर प्रस्तुति, गणपति उत्सव पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ! बहुत बहुत आभार!

    जवाब देंहटाएं
  2. गणेशोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं

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