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शनिवार, 16 अगस्त 2025

4482 ..चलते- चलते पुराने पन्ने से एक नई कहानी मंदार पहाड़ो पर

 सादर अभिवादन


शोर मचा रहा है
आनेवाला अस्सीवां
पर्व आजादी का
इस बार वो कुत्ते के रूप में आया है
क्या भी करे वो बेचारा लोग
उसे आजादी नहीं दे मनाने दो रहे हैं




और भी है... वो भी आएगा पर शैनेः शैनेः



आसमां पर नजर है पाताल तक हद
वतन के माथे पर है समृद्धि तिलक
चला है देश अपना अब अपनी ही तर्ज

ऐ वतन तेरा आगन
महफूज जहां मेरा तन मन ।






आसान नहीं तूफ़ान का पूर्वाभास,
पतंग और उंगलियों के मध्य
का सेतु ज़रूरी नहीं
हमेशा के लिए
बना रहे
निष्ठावान, मौसमी हवाओं का क्या,
उजाड़ने से पहले संभलने का
नहीं देता ज़रा भी अवकाश,
आसान नहीं तूफ़ान
का पूर्वाभास ।






कुत्तों की
आवारागर्दी ने
ऐसा गदर मचाया
आम इंसान
खूब थर्राया।

समय का पहिया
ऐसा घूमा
कुत्तों को
कुछ समझ न आया




यूं ही, छिड़ जाते, बिसरे कई तराने,
शिकायतें अनगिनत पलों के, अंतहीन से ताने,
कर भी ना पाऊं, अब उनको अनसुना,
समझ भी न पाऊं, क्यूं उसने बुना!



चलते- चलते पुराने पन्ने से एक  एक नई कहानी


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मंदार पहाड़ी बिहार के बांका जिले में अवस्थित है। मान्यता है कि इस पहाड़ी पर भगवान विष्णु का निवास है। पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार देवासुर संग्राम के समय देवताओं और असुरों द्वारा समुद्रमंथन के लिए इसी पहाड़ी को मथनी के रूप में प्रयोग में लाया गया था। अब समुद्रमंथन के पश्चात इस पहाड़ी को समुद्र से इतनी दूर लाकर क्यों रखा गया,पता नहीं। इतना ही नहीं,इस पहाड़ी के ऊपर हिन्दू और जैनियों के मन्दिर भी बन गये। मन में मंथन करते मैं जैन मन्दिर तक पहुँचा और एक परिक्रमा के पश्चात नीचे उतर पड़ा। जैन मंदिर में कुछ निर्माण कार्य भी चल रहा था।
नीचे पहुँचा तो मेरी बाइक,उस पर बँधा बैग और हेलमेट पूरी तरह सुरक्षित मेरा इन्तजार कर रहे थे। अलबत्ता मैंने जिसे इन सबका जिम्मा सौंप रखा था वही गायब था। दरअसल अब शाम हो रही थी और पहाड़ी पर घूमने वाला अब कोई नहीं था। तो टिकट वाले बुजुर्ग ने भी संभवतः अपने घर का रास्ता नाप लिया होगा। अकेले मेरी गाड़ी की रखवाली करने से रहा।



आज बस
सादर वंदन




5 टिप्‍पणियां:


  1. मुग्ध करता अंक, सामायिक विषयों के साथ, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय ,
    मेरी इस रचना को आपके इस गरिमामय मंच में शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    इस अंक सभी संकलित रचनाएं बहुत ही उम्दा है । सभी को बहुत बधाइयां ।
    सादर ।
    स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाइयां एवं शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं

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