---

शुक्रवार, 1 नवंबर 2024

4294 ..जले इस बार दीपक उनकी खातिर, वतन के वास्ते जो मर मिटे हैं

 सादर नमस्कार


छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। इसका गठन १ नवंबर २००० को हुआ था और 
यह भारत का २६वाँ राज्य है। पहले यह मध्य प्रदेश के अंतर्गत था। कहते है कि 
किसी समय इस क्षेत्र में 36 गढ़ थे, इसीलिये इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।

*******


श्री सूक्तम महालक्ष्मी की उपासना के लिए ऋग्वेद में वर्णित एक स्तोत्र है। श्री सूक्त का पाठ महालक्ष्मी की प्रसन्नता एवं उनकी कृपा प्राप्त कराने वाला है साथ ही व्यापार में वृद्धि, ऋण से मुक्ति और धन प्राप्ति के लिए भी इसका पाठ तथा अनुष्ठान किया जाता है।

श्रद्धा एवं विश्वास के साथ इस स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति पर माता लक्ष्मी कृपा करती हैं। लक्ष्मी जी की कृपा होने पर व्यक्ति सिर्फ धन और ऐश्वर्य ही नहीं बल्कि यश एवं कीर्ति भी प्राप्त करता है।

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।

पढ़िए कुछ पसंदीदा रचनाएं



तभी ये दीप घर-घर में जले हैं.
सजग सीमाओं पर प्रहरी खड़े हैं.

जले इस बार दीपक उनकी खातिर,
वतन के वास्ते जो मर मिटे हैं.




रंगीन पोशाकों में अच्छे लगते हैं। तुम्हारा मित्र तो थोड़ा रंगीन शर्ट डाले हुए था। उसकी पत्नी श्वेत शर्ट-पैंट पहने त्योहार का कोई उमंग ही नहीं झलक रहा था!” पिता ने कहा।“आप भी न! ज़माना बदल गया है…!” माता ने कहा।“चाहे ज़माना कितना भी बदले ‘अप रूपी भोजन’…,” पिता ने वाक्य को अधूरा छोड़ दिया।“चलिए हमलोग कार्यक्रम में चलें। आया-गया मेरा मित्र पाकिस्तानी है…!” पुत्र ने कहा।





दीप जले जब ज्ञान का,रहे आचरण शुद्ध।
ऊर्जा के संचार से,अंतस में हैं बुद्ध ।।

करिए यही प्रयास अब,दीप जले हर द्वार।
दिव्य पर्व की ज्योति से,जगमग हो संसार।।





वे ईश्वर के पास चिरौरी करेंगे
धरती पर एक और जन्म के लिए
एक साझे भूगोल के लिए।
एक आख़िरी सिगरेट के लिए।
बरसात के लिए। समंदर के लिए।





ये कैसा चक्र है
हम साइकिल से
विकास के शीर्ष पर पहुंचे
आकाश नापा
समुद्र के तल को छू लिया
चंद्रमा की सतह पर पैर रखे
और
लौटकर
दोबारा साइकिल पर ही आ गए
*******
मोर छत्तीसगढ़

बस

2 टिप्‍पणियां:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।