---

बुधवार, 16 अक्टूबर 2024

4278..मेरा फैसला..


।।प्रातःवंदन।।

 गा रहे श्‍यामा के स्वर में कुछ रसीले राग से,

तुम सजावट देखते हो प्रकृति की अनुराग से।


दे के ऊषा-पट प्रकृति को हो बनाते सहचरी,

भाल के कुंकुम-अरूण की दे दिया बिन्दी खरी..!!

 जयशंकर प्रसाद 

चंद अलंकृत शब्दो से कुछ खिलने का अहसास होता है जिसे समेटने की कोशिशें जारी रखते हुए बुधवारिय अंक में..

पहेलि

किंवदन्ती पहेलियाँ उस काफिर के दस्तखतों सी l

ख़त पैगाम कोई लुभा रही दस्तावेजों ताल्लुक़ सी ll

अख्तियार किया था बसेरा परिंदों ने बिन दस्तकों की l

इजाजत ढूँढ रही धुन उस धुन्ध बिसर जाने की ll

✨️

बुझा दो क्रांति की ये मशालें 

इन रातों को अँधेरे प्यारे हैं 

झूठ के नशे में धुत है जनता,

इन्हें खर्राटे प्यारे हैं!

क्या कहा? नया कल लाना है!

हा! हा! हा! क्यों ये भ्रम पाला है?

✨️

एक रोज आफताब देखने आया था मेरा घर

की कैसे उजला रहता है अंधेरों में ये दर

अंधेरे हमेशा ही मुझसे हार जाते है 

शायद ये मेरी माँ की दुआओं का था असर

✨️

हारा हुआ वजूद!

 #हारा हुआ वजूद!

वह चल दिया ,

जब दुनिया से,

कुछ तो रोये,

लहू के आँसू दिल से बहे

✨️

मेरा फैसला – लघुकथा

आज कक्षा में टीचर बहुत खुश दिखाई दे रही थीं | उन्होंने इशारा करके रोहित को खड़ा किया |

“रोहित, तुम अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद क्या बनना चाहते हो ?”

“जी टीचर, मैं डॉक्टर बन कर दीन दुखियों और निर्धन रोगियों का मुफ्त में उपचार कर मानवता की सेवा करना चाहता हूँ |”

✨️

।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️

3 टिप्‍पणियां:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।