---

मंगलवार, 3 सितंबर 2024

3235. ..जीवन-गंध बाँटे.पवन

 मंगलवारीय अंक में
आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
-------

शीशा है ज़िंदगी यारो,
जैसी सूरत बनाओगे
वैसी ही तस्वीर पाओगे।
जीना तो  है हर हाल में 
गम़ रोको हँसी की ढाल में
चुनना हो गर जीवनपथ पे
 अनदेखा कर के आँसू यारों
प्यारी-सी मुस्कान उठा लो।

आज की रचनाएँ


शब्द मंत्र हैं,
उच्चरित-गुञ्जित 
अंतराग्नि में आहुतियाँ देते
 चलता रहे जीवन-यज्ञ!
फिर-फिर हरियाये धरा.
जीवन-गंध बाँटे पवन
विश्व-मंगल और ,
सृष्टि का  नव-नवोन्मीलन!


सबसे बढ़कर आप हैं, कर देना संहार। 
युद्ध नहीं यह आम है, नहीं चाहता हार ।।

भीष्म किया रणघोष है, करने को तैयार। 
बिगुल बजाया कृष्ण ने, किया युद्ध स्वीकार।। 



चिट्ठी : सुधियों की सौगात


फिर सिलसिलेवार, 
उस पार के समाचार । 
कभी मदद की गुहार ।
याद रखने की फ़रियाद।
 
लौट आने की मनुहार।
व्याकुल मन की पुकार ।
विचारों का आदान-प्रदान,

अनुभव से अर्जित समाधान ।


लेखक मेरा विचित्र प्रेमी
मुझे…हाँ मुझे
गढ़कर अपने शब्दों में
नाम ज़िंदा रखेगा मेरा
तब, जब जा चुका होगा इनमें से
हर एक प्रेमी मुझसे दूर
तब, जब मैं भी नहीं रहूँगी
तब, जब कोई भी न रहेगा
तब भी जब सृजन
प्रलय में बदल जायेगा
बस प्रेम रह जायेगा


आनंद हर्षुल की कहानी हत्यारा


बेंच पर सिर झुकाए बैठे आदमी को, अपने करीब किसी के होने का आभास हुआ।  वह सोच से बाहर आया या आया  नींद की झपकी से बाहर, ठीक कह नहीं सकते, पर उसने अपनी आँखें खोली और उसे  माली दिखा, ठीक अपने सामने-- नीचे घास पर बैठा।  बैठा और एकटक देखता अपनी ओर। वह आदमी भी माली को एकटक देखने लगा। उस आदमी के चेहरे पर ‘क्या है?’ का सवाल चिपका हुआ था। साफ दिख रहा था कि माली को अपने सामने देख वह बिल्कुल भी खुश नहीं हुआ था, पर वह हड़बड़ाया भी नहीं था। वह आदमी अपनी बर्फ-सी ठंडी, लाल आँखों से माली को घूर रहा था।  

--------------

आप सभी का आभार।
आज के लिए इतना ही 
मिलते हैं अगले अंक में।

8 टिप्‍पणियां:

  1. शब्द मंत्र है
    सुंदर अंक
    वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. ब्लॉग साहित्य सुरभि की पोस्ट अर्जुन विषाद योग भाग - 2 को इस चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार
    आपकी मेहनत को सलाम आदरणीय

    जवाब देंहटाएं
  4. नवरस के दो छोर हैं इस अंक में। एक छोर सहमा हुआ। शेष जीवन के सहज रंग। मेरी चिट्ठी को इस अंक में स्थान देने के लिए धन्यवाद। नमस्ते।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।