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सोमवार, 26 अगस्त 2024

4228 ..लोरी माता देवकी द्वारा


 नमस्कार

लोरी माता देवकी द्वारा

सीधे चलें रचनाओं की ओर



एकांत में भी जहां मिले #बेहतरी,
जहां #भरोसे को न लगे #हथकड़ी,
मिले न कोई वहां #वहशी #जंगली ,
#बेरहमी से न जाये कभी #मसली ।





मेरे टूटने की ना चिंता करो तुम,
हजारों दफा टूट कर मैं जुड़ी हूँ !
जुड़ी तो जुड़ी, जोड़ती भी रही जो,
विधाता के द्वारा गढ़ी, वह कड़ी हूँ !






मजबूरी में विदा किया
पर चैन कहाँ उन्हें खोकर
उन राहों पर बिछी थी आँखे
जहाँ से निकले वो होकर
सुन, जिसे वो समझ न पाए
गीत वही क्यों गाया हमने!






प्यारे नीम के पेड़
मैं खुश हूँ कि
देख पा रही हूँ तुम्हें
फिर से हरा भरा .
बीत गया बुरे सपने जैसा
वह समय
जब निर्दयता से
चला दी गयी कुल्हाड़ी तुम्हारी हरी भरी शाखों पर




किताबें ख़रीदने का शौक़ है मुझे,
पर पढ़ने का नहीं,
अच्छी लगती हैं मुझे
अलमारियों में किताबें,
जैसे खिड़कियों पर परदे,
सेंटर टेबल पर गुलदान,
दीवारों पर पेंटिंग्स,
बालकनी में गमले।






आज बस
सादर वंदन

13 टिप्‍पणियां:

  1. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

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  2. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  3. मेरी रचना " लाऊं कहां से ऐसी #गली" को इस गरिमामय मंच में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद एवम आभार । सभी संकलित रचनाएं बहुत उम्दा और प्रासंगिक है । सभी आदरणीय को बहुत बधाइयां । जय श्री कृष्णा । सादर ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन अंक। मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
    बेहतरीन अंक

    जवाब देंहटाएं
  6. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  7. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की सभी को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर अंक, सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई. मेरी रचना को शामिल करने हेतु सादर धन्यवाद.

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  9. सभी रचनाकारों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  10. मेरे समस्त स्नेही पाठक वृंद और सहयोगियों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं! मेरे छुपे हुए ब्लॉग का परिचय आपने पाठकों से करा ही दिया बड़े भाई! हार्दिक आभार और प्रणाम आपको 🙏

    जवाब देंहटाएं

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