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बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

4036..स्वीकार किया मैंने..

 ।।उषा स्वस्ति।।

मैं कुछ नहीं लिखता 

मेरे हृदय में

एक विरहिणी स्त्री रहती हैं

वो रो देती है,और मैं उसका 

दुख काग़ज़ पर उकेर देता हूँ..

 रविन्द्रनाथ टैगोर

बंसत पंचमी की हार्दिक शुभाशुभ 🙏 संग  कागज पर उकेर देने की प्रस्तुति पढे ..

"स्वीकार किया मैंने"


7 टिप्‍पणियां:

  1. वसंत पंचमी पर शुभकामनाएं
    सादर

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  2. प्रेम दिवस पर मनभावन रचनाओं का सुंदर संयोजन ! माँ वीणा वादिनी की कृपा सब पर बनी रहे ! आभार

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  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. सुंदर भूमिका की पंक्तियों के साथ मनभावन रचनाओं का सुंदर संकलन है आज का अंक मेरी रचना शामिल करने के लिए अत्यंत आभार आपका दी।
    सस्नेह प्रणाम।

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  5. बसंत पंचमी पर्व और प्रेम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को,आज की इस सुन्दर संकलन में मेरी रचना को स्थान देने और उसे शीर्षक में सजाने के लिए दिल से शुक्रिया पम्मी जी, मां सरस्वती हम सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें 🙏

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  6. बहुत दिनों के बाद अपने प्रिय मंच पर आकर, अच्छा लगा प्रिय Pammi जी!ब्लॉग जगत के समस्त सहयोगियों और प्रिय पाठकों को बसंत पंचमी और प्रेम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई! आज की सभी रचनायें बहुत बढ़िया लगी! सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई 🙏

    जवाब देंहटाएं

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