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रविवार, 31 दिसंबर 2023

3991 ..सीख लेना अच्छा है सिखा कर जा रहा है कम से कम

 सादर अभिवादन

आज 31 दिसंबर
आज कतल की रात है
आज कतल किया जाएगा 2023 का
और ज़श्न -ए-कतल का खर्च बगल वाले की जेब से निकाला जाएगा
पिछली बार उलूक की जेब
 मिली थी...

अब देखिए आज की रचनाएं



आने वाला कल भी
खड़ा है देहरी के
उस पार..
आज के भरे घट मे
बदलने की ख़ातिर

           



नए साल में या कभी भी न-इंसाफी नहीं हो - 
मजबूर को सहारा और मेहनत को बराबर न्याय मिले ! 
शायद तरसे हुए को थोडा प्यार !
एक शेर मदन मोहन दानिश साहब का फिर विदा   -
ये कहाँ की रीत है जागे कोई सोए कोई
रात सब की है तो सब को नींद आनी चाहिए !!



सीख लेना अच्छा है
सिखा कर जा रहा है कम से कम
सपना हो लेने से बचने की पढ़ाकर
कोई अपनी किताब





तुम फिर से नई कसमें खाने लगे जबकि
पुराने वादों को टाला जा रहा है ।

तुम पसीने से लथपथ यूं कि मानो
चाँद को पानी में उबाला जा रहा है ।




कुसुम लदी
लता लज्जा में पगी
ज्यों नव व्याही।
***
धूप बटोरे
रात के छिटकाये
दूब पे मोती।


आज बस
आज अंतिम दिन है
अब अगले वर्ष दर्शन होंगे
सादर

9 टिप्‍पणियां:

  1. आएगा आएगा आने वाला
    जाने वाले को भाव-भीनी
    शुभकामनाएं
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. आभार यशोदा जी | शुभकामनाएं सभी को सभी की| उलूक की फटी जेब से कुछ हाथ नहीं आयेगा हाथ कहां गया पता ही नहीं चल पायेगा :) :) :डी :डी

    जवाब देंहटाएं
  4. अति सुन्दर सूत्रों से सजी बहुत सुन्दर प्रस्तुति में सम्मिलित करने के लिए हृदयतल से आभार आ.यशोदा जी ! आपको एवं “पाँच लिंकों का आनन्द” मंच के सम्पूर्ण परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचनाओं का संकलन दी, आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमस्कार 🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर रचनाओं का सुंदर संकलन।

    जवाब देंहटाएं

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