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सोमवार, 13 नवंबर 2023

3943 आज महोत्सव अवध मनाये दीवाली सा चमक रहा

 सादर अभिवादन

आज सोमवती अमावस्या है
किसी कारण से इस माह
दो अमावस हो गई
कल अन्नकूट है
आज की रचनाएं देखें .....



आज ख़ुशियों  के दीप जलाएं
त्यौहार  मेलजोल का मनाएं  
छोटे बड़े आपस में सदभाव रखें
प्यार प्रेम का गीत गाएं  |
जब प्रसन्नता होगी घर में
लक्ष्मी जी का आना होगा
किसी बात की कमीं न होगी
बच्चों में खुश हाली होगी |
द्वार सजाएं दीपों से




अवनि से आकाश तक प्रभु राम का ही राज
हवाओं में गूँजती है एक ही आवाज .
मन वचन और कर्म से तू राम ही रट री .
राम मेरे आगए हैं अवध की नगरी .


- समीर लाल


मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है, तो वैसे ही यह निशान भी. श्रृंगार, 
शिल्पा ब्राण्ड की छोटी छोटी बिन्दी से लेकर सुरेखा और सिंदुर ब्राण्ड की बड़ी बिन्दियाँ. 
सब का अंतिम मुकाम- माथे से उतर कर आईने पर.




कन्धे पर हैं धनुष सजाये    
ओढ़ रखा है पीताम्बर      
सुन्दर छवि है जग भरमाये  
नाच रहे धरती अम्बर    
आज महोत्सव अवध मनाये  
दीवाली सा चमक रहा।


आज बस
कल सखी मिलेगी
सादर

2 टिप्‍पणियां:

  1. पाँचवां लिंक तो नहीं मिला . देखने पढ़ने में चार ही लिंक हैं . अच्छे हैं इनमें मेरी रचना भी है . धन्यवाद मुझे शामिल करने के लिये .

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