---

शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

3881....हिंदी मेरी अभिव्यक्ति है...।

शुक्रवार अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
-------
गर्वित साहित्यिक इतिहास की साक्षी,
भावों की मधुरिम परिभाषा है हिन्दी।
विश्वपटल पर गूँजें ऋचाएँ ससम्मान,
राष्ट्र की अंतस अभिलाषा है हिन्दी।

साहित्यिक तान में मेघ मल्हार है हिन्दी
कहीं शब्द, कहीं भाव के कहार है हिन्दी,
संस्कृतियों के वाहक,सरल,सहज,सुबोध
सदियों से एकता का सूत्रधार है हिन्दी,
अभिव्यक्ति अपनी खोने से बचाना है
अलख हिन्दी की हर दिल में जगाना है,
प्राणवायु देश की राजभाषा है हिन्दी।
भावों की मधुरिम परिभाषा है हिन्दी।।

साहित्य में समाज की विविधता, जीवन- दृष्टि और लोककलाओं का संरक्षण होता है। साहित्य समाज को स्वस्थ कलात्मक ज्ञानवर्धक मनोरंजन दृष्टिकोण प्रदान करता है जिससे सामाजिक संस्कारों का परिष्कार होता है। रचनाएँ समाज की भावना, भक्ति, समाजसेवा के माध्यम से मूल्यों के संदर्भ में मनुष्य हित की सर्वोच्चता का अनुसंधान करती हैं। हिन्दी लिखने पढ़ने वालों के हिन्दी महज एक दिवस नहीं
होती बल्कि आत्मा को उदात्त करने में, मनुष्य के गुणों का परिष्कार करने में, उसे आनंद की अवस्था में पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साहित्य अतीत से जीवन मूल्यों को लेकर आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु की तरह है।
आइये आज की रचनाओं के संसार में-

सतत प्रवाह महासागर सा,

आँचल विस्तार गगन जैसा।

आगन्तुक का स्वागत करती,

आतिथेय कहाँ होगा ऐसा ॥


धर्म संस्कृति आचार-विचार,

कोटिशः कण्ठ चिर संगिनी है।

भारत भू की भाषा महान,

हिन्दी मेरी अभिव्यक्ति है॥





हिन्दी कवियों को अति रुचिकर 
कितने ग्रंथ रचे भारी
राम कृष्ण आदर्श बने थे
जन मन की हर दुश्वारी 
मंदिर का दीपक यह हिन्दी
विरुदावली भाट गाये ।।




ये रहीम, दादू और रसखान की विरासत है
कबीर सूर और तुलसी का प्यार है हिन्दी

फिजी, गुयाना, मॉरीशस में इसकी खुश्बू है
हजारों मील समन्दर के पार है हिन्दी



जानता हूँ मैं
कि यह तुम्हारा प्यार है,
जो मुझे बाँधता है,
पर वह प्यार ही कैसा,
जो जान लेकर माने,
ज़रा सोचकर देखो,
मुझे बचाने के लिए
तुम जो कर रहे हो,
वही तो मार रहा है मुझे.

और चलते-चलते आप सभी से
आग्रह है इस लेख को अवश्य पढ़े-

हिंदी क्षेत्र का शहरी पाठक अंग्रेजी अखबार लेता है रुतबे के लिए। बाकी वह कुछ नहीं पढ़ता। अंग्रेजी का अखबार भी नहीं पढ़ता। रुतबे के लिए ड्रॉइंग रूम में रखता है। वह खुद को अपवार्ड मोबाइल मानता है। मनोरंजन के बाद हिंदी राष्ट्र का एक और शगल हैराजनीति। लोकसभा में जब भी किसी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होती है सबसे अच्छे भाषण हिंदी में होते हैं। इसकी एक वजह है कि राजनेता ज्यादा बड़े इलाके तक अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं। बौद्धिकता के लिहाज से अच्छे नहींभावनाओं और आवेशों में। लफ्फाज़ी में।


--------
आज के लिए इतना ही
कल का विशेष अंक लेकर आ रही हैं
प्रिय विभा दी।

8 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार स्तरीय रचनाओं को समेटे यह अंक
    वाकई ला जवाब है
    आभार...
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. श्वेता जी, इस अद्भुत कविता और संकलन के लिए बधाई ! अभिनंदन हिंदी बोलने वालों का !

    जवाब देंहटाएं
  3. हिन्दी दिवस के सम्मान में निर्मित अत्यंत सुन्दर संकलन में सृजन को सम्मिलित करने के लिए हृदयतल से आपका बहुत बहुत आभार । सस्नेह वन्दे!

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका हृदय आभार. खूबसूरत प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. हिंदी की राह में घटिया राजनीति तथा ओछी मानसिकता के तहत सदा रोड़े अटकाए जाते रहे हैं ! हमें हर हाल में उसके साथ खड़े रहना है

    जवाब देंहटाएं
  6. हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
    हिन्दी दिवस को सार्थक करती बहुत शानदार प्रस्तुति प्रिय श्वेता बहुत महीनों बाद सक्रिय हुई है बहुत अच्छा लगा स्वयं को पाँच लिंकों पर देखना, आप सब से मिलना सभी मंचों पर जाकर पढ़ना।
    सस्नेह सादर।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत दिनों बाद आज इतनी सुन्दर रचनाएं पढ़ी, मन को बहुत शांति की अनुभूति हो रहीं है, सभी रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।