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रविवार, 3 सितंबर 2023

3869 ..वैश्या वृत्ति से जुड़े हिंदी उपन्यास ... जाने माने ख्याति प्राप्त लेखक

सादर अभिवादन
आज हिमाचल मे पानी बरस रहा है


लोग खरबों रुपए खर्च कर चांद और सूरज को जाते हैं-
धरती के नीचे क्यों नहीं देखते

लीजिए पढ़िए आज का अनूठा अंक



उत्तराखंड के गांवों में पहुंची घोड़ा लाइब्रेरी
किताबों से लदी ऊंट की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी से शुरू हुआ बुक लवर्स और पढ़ने के शौकीनों का सफर आज गूगल की ऑनलाइन लाइब्रेरी तक जा पहुंचा है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि किताबें ऊंट न सही टट्टू की पीठ पर लादकर आज भी उत्तराखंड के दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में पहुंच रही हैं।
जहां न सड़कें हैं न पर्याप्त बिजली, लेकिन वहां के बच्चों को पढ़ने का शौक है और टट्टू पर लदी किताबें उनके चेहरे पर मुस्कुराहट ला देती हैं।




आया सितम्बर
लाया वर्षा की बौछार
बस कुछ कदम दूर है
जन्माष्टमी  त्योहार !
वही, अपने कन्हैया का जन्मदिन
जिसे मनाते हैं आधी रात  
सोचें जरा,  था आधुनिक


दरिया न इधर का मेरा दरिया न उधर का
अंजाम मग़र अच्छा था कश्ती में सफऱ का

मैं चाँद को मुट्ठी में लिए बैठा हूँ कब से
नाकामी कहाँ रोक सकी रस्ता हुनर का



1.सलाम आखिरी - मधु कांकरिया
2.शेष कादंबरी -अलका सरावगी
3.मुर्दाघर - जगदम्बा प्रसाद दीक्षित
4.आज बाज़ार बंद है  - मोहनदास नैमिशराय
5. सुहाग के नूपुर - अमृतलाल नाग
6. मुर्दों का टीला - रांग्ये राघव
7. कुंभी पाक - नागार्जुन
8. वैशाली की नगरवधू - आचार्य चतुर्सेन शास्त्री
9. सेवासदन - प्रेमचंद


सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन राकेश ने राधिका को बताया कि वह यू.पी., पी.सी. एस. की परीक्षा फ़िर से देना चाह रहा है । फ़ूड सप्लाई इंस्पेक्टर की पोस्ट क्लॉस वन की नहीं थी, और अब राकेश क्लास वन की नौकरी चाहता था । उसके कई दोस्त क्लास वन के अधिकारी थे, उनसे मिलने पर राकेश हीनता के भाव से भर जाता था । यह हीनता उसे अंदर ही अंदर कचोटती, अतः उसने निर्णय लिया कि वह एक बार फिर मेहनत करेगा और अपनी क़िस्मत आजमायेगा । राधिका को भला इसमें क्या आपत्ति हो सकती थी लेकिन थोड़ी आशंका के साथ उसने पूछा –

“सुबह से शाम तक तो आप फील्ड में रहते हैं, पढ़ाई कब करेंगे ? सिर्फ पाँच महीनें हैं हाँथ में। नौकरी और पढ़ाई दोनों कैसे मैनेज करेंगे?”





नदी
और
हमारे रिश्ते में
अब भी
उम्मीद की नमी है
चाहें तो
बो लें कुछ अपनापन
रिश्ता
और बहुत सी नदी।


आज बस इतना ही
एक निवेदन कोई यदि 5 सितंबर का अंक लगा सके तो ..
एक आग्रह

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्छे लिंक्स. आपका हृदय से आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात! पठनीय रचनाओं की खबर देती सुंदर प्रस्तुति, आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. धन्यवाद यशोदा जी, मेरे ब्लॉगपोस्ट को अपने इस नायाब कलेक्शन में शाम‍िल करने के ल‍िए हार्द‍िक आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका चयन बहुत उम्दा है...। आभार आपका। मेरी रचना को भी स्थान मिला है आपका आभारी हूं। सभी को खूब बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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