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गुरुवार, 3 अगस्त 2023

3838...दुःखी होने के लिए ज़रूरी नहीं होता रोना...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीय ओंकार जी की रचना से।  

सादर अभिवादन। 

गुरुवारीय अंक में आज की पसंदीदा रचनाएँ-

७२५. रिश्ते

सालों बाद मैंने जाना

कि दुःखी होने के लिए

ज़रूरी नहीं होता रोना

और नहीं सिसकने का मतलब

नहीं होता ख़ुश होना.

 चौपाई छंद में बाल रचना- अभिलाषा

बूँद गिरी औ बीज हँस पड़े।

देख रहे थे हम वहीं खड़े॥

हँसी बीज की जब रंग लाई।

क्यारी हरियाई लहराई॥

पुनरुत्थान : डायरी शैली

चार दिनों से रेशमा का अपनी मंडली के संग अपने विशेष अंदाज में ताली बजा-बजाकर 'बेसरा माता'(जिनकी सवारी मुर्गा है) की पूजा की जगह कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, सतत्रिया, मोहिनीअट्टम नृत्य करती अचंभित कर रही थी। सभी को शिव तांडव, माँ दुर्गा का भजन, माँ काली का रौद्र नृत्य की जीवंत प्रस्तुति भी पसन्द आए। जीने की चाह का पराकाष्ठा है राख़ से पुन: खिल जाना...!

दानवीर (कहानी)

दिन बीतते गए, हफ़्ते बदलते रहेनहीं बदला तो केवल राजू का दिल। वह उन सभी लोगों की मदद  करता रहा, जो उसके संपर्क में आए। वह सब के साथ प्यार से पेश आता था, रूखा-सूखा अपना भोजन साझा करता था और यहाँ तक ​​कि उन लोगों को अपनी झोपड़ी में आश्रय भी देता था  जिनके सिर पर छत नहीं होती थी। उसकी सदाशयता ने कई लोगों को प्रभावित किया और उन्होंने अपनी जीवन-शैली को बदलने का प्रयास भी किया।

तुम्हारे बारे में

नाटक में तीन महिला और तीन पुरुष पात्र हैं, एक जोड़ा सात वर्ष बाद मिला है और उन कारणों को ज्ञात करना चाहता है जिनकी वजह से वे अलग हुए थे। एक जोड़े की आमने-सामने यह पहली मुलाक़ात है, सोशल मीडिया पर वे मिल चुके हैं और तीसरा जोड़ा अलग होने की कगार पर आ चुका है।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


5 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन प्रस्तुति.मेरी रचना को स्थान देने के लिएआभार.

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  2. शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका

    श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर रचनाओं से सज्जित अंक।मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर अंक! मेरी रचना 'दानवीर' को इस सुन्दर पटल का हिस्सा बनाने के लिए हार्दिक धन्यवाद भाई रवीन्द्र जी!

    जवाब देंहटाएं

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