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मंगलवार, 16 मई 2023

3759 ..बस रपट में गलती से पॉज़िटिव आ गया है

 सादर अभिवादन

कल मदर्स डे बीत गया
सामान्य होने में एक-दो दिन लगेगा
आज फिर लिक्खी जाएँगी मातृदिवस पर
आज की मिली-जुली रचनाओं को देखिए ....
जोकर से लेकर कोरोना तक




वस्तुतः हम सभी पृथ्वी के पृष्ठों पर
अस्थायी तौर पर लिखे गए नाम हैं
जो समय के संग क्रमशः मिटा दिए जाएंगे,
फिर भी हम नियति से हर एक मोड़ पर लेते हैं टक्कर,
अंततः दुर्योधन की तरह बन जाते हैं जोकर |






गम्भीर चुनौतियों से लड़ना सुखदेव,भगतसिंह बनना होगा
राष्ट्रहित लिये महावीर,गौतम सा युवाओं तुझे उभरना होगा ,

दिग्भ्रमित हो मत करो उल्लंघन समाज की मर्यादाओं को
सही मार्ग अपनाओ छोड़ो बेकार,विकृत निरंकुशताओं को ,




मुझे सुनने वाले कम रहे
मगर अक्सर कहते हैं
जब मैं सबसे ज़्यादा चुप रहा
सबसे ज़्यादा कहने को था।




तुम्हारे जाने से कुछ नहीं बदलेगा
केवल इतना भर होगा
अब कभी मैं इस भीड़ से भरे शहर में
स्टेशन से उतरकर
मेरे पिछे चलने वाली माँ को
अपने घर की तरफ लेकर
नही जा पाऊंगा कभी





‘अरे कुछ नहीं भागवान ! बस रपट में गलती से पॉज़िटिव आ गया है।जल्द से फिर निगेटिव हो जाऊँगा।’ मैंने उन्हें दिलासा दी।पर वो कहाँ मानने वाली थीं। ‘ई तुम्हरा दोस्त-ऊस्त इसमें कुछ नय करेगा।दिन में तीन बार टीवी में न्यूज़वा देख लो।बॉडी में एतना टॉक्सिक हो जाएगा कि ‘एंटी-बॉडी’ क्या ‘एंटी-ह्यूमन’ भी बन जाओगे।ससुरा भायरस कुछ नय बिगाड़ पाएगा।’

आज के लिए बस
सादर

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