---

रविवार, 14 मई 2023

3757 नए कपड़े किराए से लाए गए थे शायद...यूँ ही

 सादर अभिवादन

आज अखिल विश्व मातृ-दिवस है
प्रति वर्ष यह मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है
मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, एक मां बिना ये दुनियां अधूरी है

भीतर एक गहराई स्थितरता सद्भाव
जब जन्म लेते हैं ,सरलता के भाव
से आत्मा की ओजस्विता बढ़ने लगती है


शाश्वत प्रेम मां का ....
शाश्वत है प्रेम मां का
कोई नहीं है जोड़ उसका
क्या लिखें शब्द नहीं हैं
इतना है, आदर जिसका
सदैव बना रहे
बच्चों के सर हाथ उसका
बस यही है ईश से
मेरी आज प्रार्थना।
-बकुला पारेख

रचनाएं देखें


तुम्हारे स्नेह का आँचल
हमें देती है शक्ति सदा.
हर चोट में हर क्षोभ में
केवल तुम्ही हो पास माँ
लगता हमें हर दर्द की
हरपल तुम्ही हो आस माँ.
छोटी बड़ी गलती हुई हो
या कोई अपराध सा
तुमने किया हरदम क्षमा




रात-भर जागता हूँ,
चिंताएं उमड़ती-घुमड़ती रहती हैं,
दूर से देख लेती हैं वे
पास आती नींद को,
घुसने नहीं देतीं अंदर,
रोक लेती हैं दहलीज़ पर.




मन चाहे कितनी भी
मनमानी करे
जीते हारे अपने विचारों में
यह कोई अच्छी बात नहीं |
समाज में रहने से
उसके अनुकूल चलने से
कुछ तो सीखने को मिलता है |




गाय भी माता
कहलाती है

सूखी हरी
जैसी भी
मिले घास
खा ही
जाती है

दूध की
नदियाँ
बहाती है


तात्कालिक कथन

माँ
होती है
क्या एक ही दिन
के लिए...
दूसरे दिन
फीकी साड़ी में
नज़र आती है
मांजते हुए वो
जूठे बरतन ..और
पटक-पटक कर
धोते हुए कपड़े वो ...

या फिर दिखती है
सकेलते हुए गोबर
गौठान में ..वो

यहाँ वे माँ नहीं
जिसका दूध आपने
निचोड़ा अंतिम बूँद तक
माँ थी न वो....

कहती हूँ मैं कि ... मां
रहती है सुबह से शाम तक
रोज उन्हीं पुराने कपड़ों में
नए कपड़े
किराए से लाए गए थे
शायद...यूँ ही
-मन का उपज


आज के लिए बस
सादर

2 टिप्‍पणियां:

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।