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गुरुवार, 23 मार्च 2023

3706...कभी देखा भी है पसीना बहाते उनको...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया अनीता जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

चित्र: साभार गूगल 


आज शहीद-दिवस है। 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश हुकूमत ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी योद्धाओं भगत सिंह, शिवराम राजगुरु, सुखदेव थापर को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दी थी। 

कृतज्ञ राष्ट्र अपने महान शहीदों को यथोचित सम्मान के साथ याद करता है।

कोटि-कोटि नमन।    

गुरुवारीय अंक में पाँच ताज़ा-तरीन रचनाओं के लिंक्स के साथ हाज़िर हूँ।

आइए पढ़ते हैं आज की चुनिंदा रचनाएँ-

गाड़ी के दो पहिये

जिसने दी  शिक्षा  अधूरी तुम्हें

उसने  यह तो बताया होगा

गाड़ी के दो पहिये होते हैं

दोनों को साथ ही रहना है स्वेछा से।

वही ख़ुदा उनमें भी बसता है उतना ही

चंद निवालों के लिए दिन-रात खटते हैं

कभी देखा भी है पसीना बहाते  उनको

अपने हाथों से नई इमारतें गढ़ते

जा बसें उनमें ख़्वाब भी नहीं आये जिनको

ईश्क़ में टूटकर बिखर जाना अगर ईश्क़ है

तोड़कर सरहदें जिद्द की एकबार

बता जाओ आकर हो ख़फ़ा क्यूँ बेज़ार

ख़यालों में हुई तेरे बावरी मशहूर हो गई मैं

राह देखते अपलक थककर चूर-चूर हो गई मैं ।

एकाकी यात्री--

निर्बंध होता है उम्र भर का सौगंध,
कोई प्रतीक्षा न कोई पुनर्मिलन की
आस, इस इतिकथा का नायक
है आम आदमी, कोई गौतम
बुद्ध नहीं

देश मेरा रंगरेज

अतीत की स्मृतियों के आलोक में वर्तमान की विसंगतियों पर अचूक निशाना साधने में प्रीति अत्यंत खरी उतरी हैं। उनकी लेखनी की प्रांजलता, विचारों का  प्रवाह, चिरयौवना भाषा का अल्हड़पन, शब्दों का टटकापन, भावों की मिठास, हास्य का सुघड़पन, व्यंग्य की धार और दृष्टि की तीव्रता किताब की छपाई के फीकेपन को पूरी तरह तोप  देती है और पाठक शुरू से अंत तक प्रीति के बंधन से बँधा रह जाता है।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


3 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    आज बहुत सारे दिवस है
    इनमें एक विश्व शराब दिवस भी है
    एक और उम्दा अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात! सारगर्भित विषयों पर लिखी रचनाओं की खबर देता सुंदर अंक, आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. हमारे वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजली और सादर नमन। बहुत सुंदर प्रस्तुति। हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं

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