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रविवार, 5 मार्च 2023

3688....दोस्तो आओ चलो ऐसी मनाएँ होली


जय मां हाटेशवरी.......
दिन की रौशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने में गुजर गई,
जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं,
सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई,
8 मार्च को विश्व-महिला दिवस है......
साथ में उसी दिन होली भी है.....
महिला दिवस व होली  की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ......
आज के लिये पढ़िये मेरी पसंद......


होली (संस्मरण)
 घर वाले ढाढस  बंधा रहे थे ,मैं रोए जा रही थी ।
बाल बहुत निकल चुके थे ।
किससे कहते और क्या ? सभी अपनें ही थे ...।
अब मन नहीं करता होली खेलने का ।
बाद में पता लगा कि उनमें से एक फैक्ट्री में केमिस्ट था ..।


राह में जाने कितने मुसाफिर मिलेंगे
कुछ अपने ,कुछ बेगाने मिलेंगे।

एक सफर ही तो है जिंदगी
जाने,कैसे-कैसे लोग मिलेंगे।

मिलेगें, कभी खुशियों के तराने
तो कभी गमों के फसाने मिलेंगे।



प्रेम
कभी विशाल धारा सम शांत
बहता, फिर हो जाता संकरा
पर सदा बना रहता
सदानीरा सा !
अमरबेल सा बसा रहता
दिल की गहराइयों में
कभी गुप्त, प्रकट कभी
प्रेम स्वयं में अपूर्ण है,
परम से मिलने तक !
जैसे नदी सागर मिलन से पूर्व !

बस्तियाँ जलती रही
माँ-बेटी दौड़ी अन्दर
बंद कर लिया दरवाजा
बचाने अपना घर
बाहर किसी ने लगादी आग
धूं-धूं कर जलने लगा घर
लपटे ऊँची उठने लगी
माँ-बेटी जलती रही अन्दर
आकाश सारा हो गया लाल
आर्तनाद सुनाई देता रहा बाहर
भीड़ अपनी आवाज से
आकाश पाताल एक करती रही 

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भगवत भजन
बड़ों की सीख ना मान कर
अनुभवों को ना स्वीकार कर |
 दूरी हो जाएगी अधिक भगवान् से
मन बहुत दुखी होगा
दूरी मिट नहीं सकेगी
जब भजन होगा जीवन शांति से चलेगा |

जो मोहब्बत के बुज़ुर्गों ने जलाए थे दिए
पाप की तेज़ हवाओं से वो अब बुझने लगे
आज प्रहलाद के भी होंट नहीं क्यूँ हिलते
हर तरफ़ पूजने वाले हैं कँवल कश्यप के
काश बन जाए गुनाहों की चिताएँ होली
दोस्तो आओ चलो ऐसी मनाएँ होली

 
धन्यवाद।

 






 

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. आज दस बज गए
    कुछ साफ सफाई
    कुछ फगुनाई हालत
    अच्छी रचना पढ़वाया आपने
    आभार आपका
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय सर, सादर प्रणाम। बहुत दिनों बाद आपकी प्रस्तुति पढ़ने का सौभाग्य मिला। आपकी "जय माँ हाटेश्वरी" से आरम्भ होती प्रस्तुति को न पड़ पाना बहुत खल रहा था। आपकी प्रस्तुति सदा की तरह समसामयिक रचनाओं से परिपूर्ण, प्रेरणा जगाने वाली और समाज की अव्यवस्था पर कई प्रश्न उठाने वाली ।पुनः प्रणाम आप सबों को।

    जवाब देंहटाएं

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