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रविवार, 25 दिसंबर 2022

3618 ...धर्म कोई भी ना होता, देशधर्म ही होता धर्म एकमात्र

 सादर अभिवादन

आज बडा दिन
क्रिसमस का पर्व


क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। 25 दिसंबर यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं हैं और लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया है। आधुनिक क्रिसमस की छुट्टियों मे एक दूसरे को उपहार देना, चर्च मे समारोह और विभिन्न सजावट करना शामिल हैं।

और साथ ही साथ
आज की थीम लाईन
धर्म कोई भी ना होता, देशधर्म ही होता धर्म एकमात्र
भारतरत्न स्मृतिशेष अटल जी की जयंती भी
......
मिली-जुली रचनाएं पढ़िए



जन-जन को सन्देश दिया,
सच्ची बातें स्वीकार करो!
छोड़ बुराई के पथ को,
अच्छाई अंगीकार करो!!
कुदरत के ज़र्रे-ज़र्रे में,
रहती है प्रभु की माया।
निर्धनता में पलकर जग को
जीवन दर्शन समझाया।।




पीर पंजाल का नाम होता
पञ्चालधारा  पर्वत माला?
पी ओ जे के होता भारत में,
गिलगिट पर फहराता तिरंगा निराला?

अटल होते आज अगर
रग रग हिन्दू मेरा परिचय,
भारत का वेद वाक्य होता
सत्य सनातन  ही
देश का अभिनव साक्ष्य होता.




उम्मीद का रंग कैसा होता है
जाने बगैर उस रोज मैंने
अपनी हथेलियों पर
एक बादल बनाया था.

आगे बढ़ते हुए
अपनी हथेलियों को कसकर बांधे थी
बरसों से बीत रहे को
बीत चुका है की मुहर लगने को है




" फिर क्या? फिर मेरे आत्मचेतना के अँखुए उग आए उन्हें महसूस किया। कुछ समय पश्चात धीरे-धीरे मुझे दिखने लगा।” साँची ने उसके विश्वास को और गहरे विश्वास के रंग में रंगते हुए कहा परन्तु न जाने क्यों फिर भी उसने पैर दहलीज के अंदर खींच लिए?

आज्ञा दीजिए
सादर नमन

7 टिप्‍पणियां:

  1. इस मंच के माध्यम से अटल जी की जयंती पर उनको सादर नमन ।🙏🙏🙏
    सभी रचनाएँ बेहतरीन ।

    जवाब देंहटाएं
  2. एक सादगी भरा सुन्दर अंक प्रिय दीदी ।यीशु के नाम बड़ा दिन अपने आप में बहुत अनूठा है।उम्मीदों की जादुई पोटली लिये सांता क्लाज़ प्यार और आशीष बांटता है।एक तरफ दुनिया बारूद के ढेर पर बैठी अनचाहे युद्ध अपनी छाती पर झेल रही है दूसरी ओर युद्ध के यीशु का अमर संदेश --- ' ईश्वर इन्हें क्षमा करना- ये नहीं जानते ये क्या कर रहे हैं '
    यही है पुण्यात्माओं की उदारता।आज समस्त ब्लॉग जगत को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।अटल जी की स्मृति को सादर नमन ।उनके उदार विचार और शिष्ट राजनीति भावी पीढ़ीयों के लिए अनुकरणीय रहेंगे।नव वर्ष नजदीक है।जो आशाएँ विदा लेता वर्ष ना पूरी कर सका वह आगत वर्ष में पूरी हों यही कामना है।।हार्दिक आभार इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए।एकदम सही 🙏

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  3. आज के महत्वपूर्ण दिन पर सुंदर प्रस्तुति। आदरणीय अटल जी को सादर नमन👏
    क्रिसमस पर्व पर सभी को बधाई🎇🎆🎉🎊

    जवाब देंहटाएं
  4. पच्चीस दिसंबर को जिनका जन्म होता है
    वो सचमुच विलक्षण होता है
    उसके लिए एक नमन तो बनता है
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. उत्कृष्ट लिंको से सजी शानदार प्रस्तुति।
    सभी लिंक पढ़कर कल ही प्रतिक्रिया यहाँ भी की थी दिख नहीं रही...खैर..
    भूमिका में ईशू और क्रिसमस की सुन्दर जानकारी एवं अटल जी की मधुर स्मृति ने प्रस्तुति को और भी रोचक बना दिया ।

    जवाब देंहटाएं

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