---

रविवार, 30 अक्टूबर 2022

3562 ...हमेशा दूसरों के लिए अच्छी भावना रखनी चाहिए

सादर अभिवादन
कल सुबह अर्घ्य के साथ ही छठ पूजा सम्पन्न हो जाएगी
कल से थकी व अलसाई काया
हाथ-गोड़ दबाने वाले का शरीर भी
आलस से भर गया है....
सब हंसी ठठ्ठा कर के थकावट दूर कर रहे हैं
एक बड़ा परब और निकला

अब चलिए रचनाओं से मन बहलाइए



ऊब और विरक्ति का
दौर नहीं थमता
न कोई मंज़िल है
न कोई रास्ता ही है
न कोई लक्ष्य है
न कोई वास्ता ही है




न जाने कितने टुकड़ों में बटेगा ये चमन,
एक घर से हज़ार रंग के परचम निकले,

रंगीन पैबन्दों से उन्हें ख़्वाबों का गुमां है,
जिस्म पे मेरे बेशुमार दर्दो अलम निकले,

हंगामा क्यूं कर बरपा एक रोटी की चोरी पे,
शहर में न जाने कितने ही जरायम निकले,




कई कई सालों तक मेरी सुबहें अकुलाई हुई होती हूँ।
मैं उठती हूँ और घबराहट होती है।
दिल की धड़कन तेज रहती है।
आँखें थोड़ी थोड़ी नम।
 इतने बड़े शहर बैंगलोर में इतनी तन्हाई कैसे है





जीवन नाम है परिवर्तन का
पल-पल संवरने और मन के जागरण का
उस प्रकाश  में नज़र आता है
प्रेम का तंतु
जो वैसे छुपा रहता है !





नंदी जी का इस जगत को एक संदेश यह भी है कि जिस तरह वह भगवान शिव के वाहन है। ठीक उसी तरह हमारा शरीर आत्मा का वाहन है। जैसे नंदी की दृष्टि शिव की ओर होती है, उसी तरह हमारी दृष्टि भी आत्मा की ओर ही होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने दोषों को देखना चाहिए। हमेशा दूसरों के लिए अच्छी भावना रखनी चाहिए ! तभी जीवन की सार्थकता है।

आज बस

सादर 

6 टिप्‍पणियां:

  1. कल सुबह के अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा सम्पन्न होगी
    शुभकामनाओं के संग बधाई उम्दा लिंक्स चयन

    जवाब देंहटाएं
  2. सार्थक लिंकों का चयन । अच्छी प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्तम प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।