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रविवार, 2 अक्टूबर 2022

3534 ..आज गाँधी - शास्त्री जयन्ती है

सादर अभिवादन
आज गाँधी - शास्त्री जयन्ती है
आज कोई आख्यान या भाषण नहीं
सब जानते हैं..और नही जानते हों 
तो ये सुनिए
सुन ले बापू ये पैगाम
अब रचनाएँ



दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों की दशा देखकर उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा का आरंभ किया, आज भी वहाँ उन्हें आदर से याद किया जाता है और नेल्सन मंडेला के उनके रास्ते पर चलकर अपने देश को आज़ाद कराया। गांधी जी ने अस्पृश्यता जैसे सामाजिक रोग को दूर करने के लिए बहुत कार्य किया। नारियों की शक्ति को पहचान कर उन्हें शिक्षा प्राप्त करने व सामाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।




तुम कह देती तो
मैं सुन लेती।
यूं आंसुओं का,
पलकों के भीतर सूख जाना
अवरुद्ध कंठ का
रह रह भर आना
बहुत तकलीफ़ भरा होता है।




”कामवालियों के हाथों में लकीरें नहीं होतीं !”
एक ने मेहँदी रचे हाथ दिखाते हुए कहा।
उसने पीछे मुड़कर देखा, फिर बर्तन धोने लगी।
”तुम्हें दुख नहीं होता!”
दूसरी ने धुली कटोरियाँ उठाते हुए कहा।





क्या मुझसे ही मनावारे करवाओगे
क्या कोई और न मिला तुम्हें मेरी जगह
मुझे  सताने के सिवाय मुझे  रुलाने के लिए
मैंने सोचा न था तुम्हारा व्यबहार
 ऐसा भी हो सकता है  |


आज बस

सादर 

8 टिप्‍पणियां:

  1. गाँधी - शास्त्री को नमन

    बढ़िया प्रस्तुति

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  2. सुप्रभात ! गाँधी जी व शास्त्री जी की जयंती पर सभी को शुभकामनायें ! पठनीय लिंक्स का संयोजन, आभार !

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  3. गाँधी - अहिंसा , अस्पर्शता सब समझ आती है । ऐसे व्यक्ति धरती पर कभी कभी ही जन्म लेते हैं । लेकिन जब भी पढ़ा तो उनका व्यवहार निष्पक्ष नहीं लगा । बस यहीं आ कर सोच अवरुद्ध हो जाती है ।

    शास्त्री जी को मेरा नमन । जिसने देश को स्वयं पर भरोसा करना सिखाया ।

    जवाब देंहटाएं
  4. उत्कृष्ट अंक की सुंदर प्रस्तुति।
    राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और वंदन 🙏🙏🌺🌺

    जवाब देंहटाएं
  5. सादगी और सरलता मेँ बेजोड़ दोनों विभूतियों को सादर नमन। आज के देश और समाज में इस तरह के लोग कहाँ देखने में आते हैं। आज यदि वे आ जाये राजनीति का कुसित चेहरा देख कर अपने होश खो बैठे।आज के सम्मिलित सभी रचनाकारों को सादर नमन ।

    जवाब देंहटाएं
  6. मन मोह गया गीत बहुत ही सुंदर सुनाने हेतु हार्दिक आभार।
    सराहनीय संकलन।
    मुझे भी स्थान देने हेतु हृदय से आभार दी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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