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रविवार, 4 सितंबर 2022

3506 ..कल शिक्षक-दिवस है सभी गुरुजनों को नमन

सादर  अभिवादन
कल शिक्षक-दिवस है
सभी गुरुजनों को नमन
एक लघुकथा याद आ गई
पढ़िए आप भी
.....
बेहतर उपहार ...रीशा गुप्ता
आज स्कूल का अंतिम दिन था, सब बच्चे अपने टीचर से बहुत आग्रह किया कि वे उन्हें कुछ उपहार देना चाहते हैं..उन्होंने कहा उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए, पर वच्चे न माने....
उपहार देने के बाद सब बच्चों ने पूछा कि सर, बताइए कि किसका उपहार आपको अच्छा लगा ..... बच्चों के जोर देने पर सर ने कहा- मुझे सबसे अच्छा उपहार निकेतन का लगा.....
बच्चे सब अचंभित थे, क्योंकि निकेतन ले एक साधारण सा पेन दिया था...
जबकि बाकी बच्चे मंहगे से मंहगे उपहार दिए थे.....
सर बोले जब तुम लोगं की धक्का-मुक्की में, यह अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहा था....
तब वह तुम सबने बाहर दिए पाम्पलेट जमीन पर फेंक दिए थे,
निकेतन ने उन सबको इकट्टा कर डस्टबिन में डाला,
सही मायने में उसी ने मुझे गुरु-दक्षिणा दी,
मेरे पढ़ाए हुए पाठों को उसने अपने जीवन में उतारा,
तुम्हारे लाए उपहरों से इतनी खुशी नहीं मिलेगी, जितना तुम सब मेरे पढ़ाए पाठों को अपने जीवन में उतारोगे तो ही वह सही गुरु-दक्षिणा होगी

बच्चे अपने किए पर शर्मिंदा थे पर निकेतन के लिए तालियां बजा रहे थे

रचनाएँ देखें ...



खो गई सारी दिशाएँ
धुंध कैसी छा रही है
राह सारी छूटती अब
पीर हिय को खा रही है।
नींद नयनों की उड़ी है
चैन सबका कौन लूटे।




कर्ण भेदी चीख गूँजे
चीखते सपने जले
आँख के सूखे समंदर
प्राण अब कैसे पले
इस व्यथामय वर्जना की
हूक साधारण नहीं।




मार्डन कहलाने की लत जो लगी
धिक्कार .... शर्मसार ...गुलाम होते विचार
स्वयं का स्वयं पर ही नहीं अधिकार ....
स्वयं के नाश का अंधा बाजार
झूठी गुलामी की बेड़ियां  
मौत के सामान का अंधा बाजार
ना कोई अपना ना पराया




वहमों गुमाँ की हद से परे,तुझ पे यूँ एतबार
मिलने का न था वादा मगर, दिल को इंतज़ार...
 
तस्सवुर में तेरे गुजरी थी शब,लेते हुए करवट
बेकरार हिज्र में ज्यूँ तेरे वस्ल का करार ...




उम्र केवल एक गिनती
बचपन जवाँ, यह बहुत है,
अजनबी कोई नहीं अब
तू यहीं है, यह बहुत है !


आज बस

सादर 

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत प्रेरक आगाज के साथ सुंदर संकलन।

    जवाब देंहटाएं
  2. जिज्ञासा सिंह4 सितंबर 2022 को 10:44 am बजे

    उम्दा भूमिका के साथ बहुत सुंदर सारगर्भित लिंकों का चयन !

    जवाब देंहटाएं
  3. भूमिका के रूप में प्रेरक लघु कथा ।

    सारे सूत्र बेहतरीन ।

    जवाब देंहटाएं
  4. शिक्षक दिवस पर सुंदर बोध देती कथा, सराहनीय रचनाओं के सूत्रों से सजी हलचल, आभार मुझे भी शामिल करने हेतु!

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचनाओं को चयनित करने के लिए सहृदय आभार आदरणीया सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    सभी शिक्षकों को नमन

    जवाब देंहटाएं

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