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मंगलवार, 2 अगस्त 2022

3473 ..मैं सावन की अंधी..दिखती सारी हरी-हरी

सादर अभिवादन .....
त्योहारी माह
अगस्त का
इकत्तीस दिन के
इस महीने में ..
26 दिन की छुट्टी के होते हैं
हिसाब लगाइए...
रत्ती भर का भी फरक हो तो
आदरणीय सुशील भैय्या से पूछ लीजिए

अब रचनाएँ ....
श्रावण में सूखा पेड़, एकांत में बैठे तोता-मैना
नमक-चीनी की बातें


यूँ तो कहते हैं सब कि
"समुन्दर में
नहा कर तुम
और भी
नमकीन हो गई हो ~~~",


काफी दिनों में दिखी मुदिता बहन


न जाने
कितने जन्मों का
उठाये हुए कर्ज़
रूह पर अपनी
चली आती हूँ
बार बार
चुकाने उसको
लेकिन
चुकता नहीं
पुराना कर्ज़
और करती जाती हूँ




रेशम रज्जू फूल बँधे हैं
मन पर छाई तरुणाई
आँखे चपला सी चपल बनी
गाल लाज की अरुणाई
मीठे स्वर में कजरी गाती
कण-कण को ही गयी जिला।।





रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आप सभी के लिए अपने स्नेहभाव से भरे शब्दरक्षासूत्र भेज रही हूं...मुझे पूरा विश्वास है कि ये सदैव आप लोगों की रक्षा करेंगे।
सैनिक भाईयों, भारत के हर इंसान को आप पर बहुत गर्व है। हम सब आपके शुक्रगुजार है। सिर्फ़ आपके ही नहीं तो आपके पूरे परिवार के भी शुक्रगुजार है जिन्होंने आपके अंदर देशभक्ति की भावना भर कर...आपको अपने आप से दूर करके मातृभूमि की रक्षा हेतु सरहद पर भेजा! मैं व्यक्तिश: भी आपको एवं आपके पूरे परिवार को नमन करती हूं।




बदहजमी शायद ठीक हो गयी है भीड़ के साथ
वैसे भी हर किसी के पास वैक्सीन है अपनी अपनी।
फिर भी आशावान हैं

समय बदलेगा
कलम फिर से उगलेगी स्याही
बिना सोचे कुछ देख कुछ सुन कर।
बकवास हमेशा एक तरह से हो कोई जरूरी नहीं
आज हरी बकवास हरेला पर्व के साथ।
शुभकामनाएँ हरी हरी।


आज बस
सादर 


7 टिप्‍पणियां:

  1. आभार यशोदा जी l सुबोध सिन्हा जी बेनामी टिप्पणियां फैला रहे है इधर उधर चेता दीजियो **/**

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी रचना को पांच लिंको का आंनद में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा दी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक लिंक्स।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर।
    सभी रचनाकारों को बधाई।््
    मेरी रचना को पांच लिंको के आनंद में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति । नायाब लिंक्स संयोजन ।आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर सारगर्भित रचनाओं का संकलन ।

    जवाब देंहटाएं

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