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शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

3461.....भाषाओं के संसार में...

शुक्रवारीय अंक में
आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
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ऊबा हुआ मन अलसा रहा है
निर्विकार ,तटस्थ,
स्वयं को घसीटते जा रहे
यात्राओं के रेगिस्तान में
छटपटाते हुए
सही-गलत के चुंबक के मध्य
भावशून्य होते विचारों के
अंतिम छोर पकड़े हुए
देखती हूँ
 आत्मा के 
गुरूत्वाकर्षण का भारमुक्त होकर
शून्य में विलीन होना...।
-श्वेता



आज के अंक में रचनाओं के साथ
सुनिये शायर

नभ में कोई खुले झरोखा 

जल का इक सरवर दिख जाये, 

छुपी शिला में मूरत कोई 

मन की आँखों से लख जाये !

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अति के मारे सबसे हारे
शरण भी किसकी निहारें
रक्त के प्यासों से कैसे
बचके निकलेंगें बेचारे
किसको किसकी है पड़ी
इंसानियत जब खो रही

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मोर की टिहुँकार सुन मैं जाग जाती 
पपीहे की पिहु पिहु में गीत गाती 
बासन्ती हँसी में जाग जाती मेरे हृद की 
सोई हुई अप्रतिम उजास !!

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सौरमण्डल में अक्षरों के ग्रह-उपग्रह
तूफ़ानीय गति से घूम रहे थे
हर पल खामोशियों के जंगल उग रहे थे
भाषाओं के संसार में 
यकायक गूंगे हो गए थे सब के सब
विलक्षण थी वो दुनिया
जहाँ गीत-संगीत,अभिव्यक्ति खामोश थी

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आज पार्श्व गायक
मुकेश का जन्मदिन है।

बचपन ने एक बार माँ ने बताया कि लोग मकान बनवाते समय रोशनी के लिए कमरे में दीपक रखने के लिए दीवार में इसलिए दो मोखे बनवाते थे, ताकि बेचारा अकेला मोखा कहीं गुमसुम और उदास न हो जाय। तब तो इतनी समझ नहीं थी लेकिन अब लगता है कि सच में संसार में किसी को अकेलापन पसंद नहीं होगा। आदमी हो या पौधा, हर किसी को किसी न किसी के साथ की जरुरत होती है। इसलिए आप अपने आस-पास झांकिए

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आज.के लिए बस इतना ही
कल का विशेष अंक लेकर आ रही हैं
प्रिय विभा दी।
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10 टिप्‍पणियां:

  1. व्वाहहहहहह
    खुश रहिये और मुस्कुराइए। अगर कोई यूँ ही किसी कारण से आपसे दूर हो गया है तो उसे अपने करीब लाने की कोशिश कीजिए।
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत गंभीर चिंतन से लिखी प्रस्तावना और बेह्तरीन रचनाओं के लिंक हैं

      सादर

      हटाएं
  2. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर भूमिका और सराहनीय सूत्रों का संयोजन, आभार मुझे भी आज की हलचल में शामिल करने हेतु !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर सूत्रों का संकलन संयोजन । सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर भूमिका और सुंदर सूत्र संकलन!धन्यवाद मेरी रचना को साझा करने हेतु!

    जवाब देंहटाएं
  6. मन की छटपटाहट को दर्शाती ,स्तब्ध से करती भूमिका के साथ सूत्रों का बेहतरीन चयन साथ में नासिर काज़मीं की शेर औ शायरी लाजवाब है । महान गायक मुकेश जी को याद करना मन को लुभा गया । बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  7. सारगर्भित एवं चिंतनपरक भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति। सभी लिंक्स बेहद उम्दा एवं पठनीय। मेरी रचना को भी यहाँ स्थान देने हेतु दिल से धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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