---

मंगलवार, 12 जुलाई 2022

3452....हम शिकायत क्या करें....

मंगलवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन
-----
सावन 
----------
टप-टपाती मादक बूँदों की
रुनझुनी खनक,
मेंहदी की
खुशबू से भींगा दिन,
पीपल की बाहों में
झूमते हिंडोले,
पेड़ों के पत्तों,
छत के किनारी से
टूटती
मोतियों की पारदर्शी लड़ियाँ
आसमान के
माथे पर बिखरी
शिव की घनघोर जटाओं से
निसृत
गंगा-सी पवित्र
दूधिया धाराएँ
उतरती हैं
नभ से धरा पर,
हरकर सारा विष ताप का
 अमृत बरसाकर
प्रकृति के पोर-पोर में
भरती है
प्राणदायिनी रस
सावन में...।

--------
आइये आज की रचनाओं आज आनंद लीजिए-

सुहाग' एक शब्द -मात्र नहीं,  यह व्यापक अर्थ से परिपूर्ण एक व्यंजक पद है. एक सांस्कृतिक अवधारणा है जिसमें नारी के  सर्वांगसम्पूर्ण  जीवन की परिकल्र्पना -समाई है . सफल-संपन्न नारी-जीवन का बोधक है यह छोटा-सा शब्द - श्री-सुख-माधुर्य से परिपूर्ण जीवन  का सूचक।




वक़्त ने जो रंग बदला,  लोग बदले
साथ थे जो , आज  वो  दूजे ठिए हैं।

हम शिक़ायत क्या करें हालात से
लिख दिए हिस्से  हमारे  मर्सिए हैं।


भूखे लोगों की हालत पर शोक मनाने आए हैं
हर नेता-अफसर रोता है पाँच सितारा होटल में

चेहरा कुछ मासूम बनाकर लोगों को भरमाते हैं
खलनायक मन में हँसता है पाँच सितारा होटल में



जिंदा रहते कोई इधर झाँकता तक नहीं
मरते ही कितने अपने निकल आते हैं हुजूर

 हो यकीं तो करके देखिए अपनी मौत का एलान
फेसबक पर मातम-पुर्सी की बाढ़  जाएगी हुजूर




पहले जबकि कम्प्यूटर का नाम भी लोगों के लिए अनजान सा था, लेखक व चित्रकार ली फ़ाक ने अपने कॉमिक्स के किरदार जादूगर मैंड्रेक की मार्फ़त एक आशंका जताई थी, जिसमें कम्प्यूटर मनुष्यों को गुलाम बनाना आरंभ कर देता है ! वह कल्पना आज साकार होती नजर आती है ! बच्चे और युवा तो इसके चंगुल में तक़रीबन फंस ही चुके हैं ! यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो यह दुनिया की  प्रमुख मौलिक समस्याओं में अग्रणी होगा ! अब तो डाटा चुराने का नया अपराध भी विकराल रूप लेता जा रहा है ! जिससे लोगों के जान-माल-निजिता हर चीज खतरे में पड़ गई है !

आज के लिए इतना ही फिर मिलेंगे
अगले अंक में

-----–













8 टिप्‍पणियां:

  1. मोतियों की पारदर्शी लड़ियाँ
    आसमान के
    माथे पर बिखरी
    शिव की घनघोर जटाओं से
    निसृत
    गंगा-सी पवित्र
    दूधिया धाराएँ
    उतरती हैं
    .....प्रकृति के पोर-पोर में
    भरती है
    प्राणदायिनी रस
    सावन में...।
    - सुन्दर अभिव्यक्ति ‍!
    चुनाव भी बहुत अनुकूल है ,धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन अंक
    स्तरीय रचनाएं
    सुंदर आगाज
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. अनेक मुद्दों पर उम्दा रचना आज पाठक वर्ग को मिली
    शानदार चयन

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर भूमिका के साथ पठनीय अंक।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।