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सोमवार, 11 अप्रैल 2022

3360...जलता चूल्हा अधहन मांगे, उदर पुकारे कौर...

शीर्षक: आदरणीया डॉ.(सुश्री) शरद सिंह जी की रचना से। 

सादर अभिवादन

सोमवारीय अंक के साथ हाज़िर हूँ।

आइए पढ़ते हैं आज की ताज़ा-तरीन रचनाएँ-

पालना झूल रहे रघुराई

राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, झूल रहे इठलाई

कोई चले घुटने, कोई बकइयाँ, कोई भागि लुकाई

राजा दशरथ चुमकारि बोलावें, तबहूँ आवें भाई

हारि गए राजन जब पकरत, मातु लियो बुलवाई

 एक गीतिका-रामनवमी पर

वेद भी करते रहे जिसका सदा गुणगान

सत्य,शाश्वत, और सनातन रूप वह अभिराम

राम विनयी और विजयी ,रहे अपराजेय

मन्थराओं का सियासत में नहीं अब काम

ग़ज़ल | हमको जीने की आदत है | डॉ (सुश्री) शरद सिंह | नवभारत

बोरी  भर के  प्रश्न उठाएकुली  सरीखे  आज
संसद के  दरवाज़े  लाखों  चेहरे  खड़े  उदास।

जलता  चूल्हा  अधहन  मांगे, उदर पुकारे  कौर
तंग  ज़िन्दगी कहती अकसर-‘तेरा काम खलास!’

दौड़ आंचल तेरे जब मैं छुप जाता था

फूल खिल जाते थे कूजते थे बिहग

माथ मेरे फिराती थी तू तेरा कर

लौट आता था सपनों से मां मेरी

मिलती जन्नत खुशी तेरी आंखों भरी

दौड़ आंचल तेरे जब मै छुप जाता था

क्या कहूं कितना सारा मै सुख पाता था

नए ट्विस्ट के साथ एक प्राचीन नीति-कथा

राजा हवस सिंह ने सोचा –

अगर संतुष्ट व्यक्ति का उत्तरीय दुखी व्यक्ति के दुःख और असंतोष को हर सकता है तो फिर उसके कच्छे में भी उसे पहनने वाले के दुःख-निराशा-असंतोष को हरने का कुछ न कुछ गुण तो होगा ही.

राजा ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वो उस अध-नंगे किसान का कच्छा उतार लें और उसकी झोंपड़ी में भी उसके जितने कच्छे हैं, उन्हें भी ज़ब्त कर, उसके राजसी वस्त्रागार में पहुंचा दें.

24 वर्ष पूर्व: 'रामनवमी' पर ही हुआ था 'लीजेण्ड न्यूज़' का प्रवेशांक प्रकाशित

प्रिंट मीडिया से लेकर वेब मीडिया तक की इस यात्रा में खट्टे, मीठे, तीखे और यहां तक कि बहुत से कड़वे अनुभव भी हुए लेकिन पत्रकारिता की मर्यादा बनाए रखने का पूरा प्रयास किया गया। पता नहीं इस बीच कोई मील का पत्थर स्थापित किया या नहीं, किंतु ऐसी कोशिश अवश्य रही कि सत्य का यथासंभव साथ निभाया जा सके।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


7 टिप्‍पणियां:

  1. वैविध्यतापूर्ण रचनाओं से सज्जित बहुत सुंदर, रोचक अंक ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार और अभिनंदन आदरणीय।
    अभी को हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐

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  2. पठनीय रचनाओं के सूत्रों से सजी सुंदर प्रस्तुति

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  3. उत्कृष्ट लिंको से सजी लाजवाब हलचल प्रस्तुति
    सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

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  4. बहुत ही बेहतरीन लिंक्स।सभी को सादर अभिवादन

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  5. धन्‍यवाद रवींद्र जी, मेरे व मेरी टीम के संकल्‍प को अपने इस मंच पर साझा किया, आपका बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं

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