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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

3296...सांकल खोलो मन के द्वार की बसंत आया...

सादर अभिवादन।

रविवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-

शुभ हो बसंत ...


खिली फ़िज़ा

 महकी बगिया

 बसंत आया

 सांकल खोलो

 मन के द्वार की

 बसंत आया

738. वसन्त पंचमी (वसन्त पंचमी पर 10 हाइकु)


चुनरी रँगा

बसन्त रंगरेज़

धरा लजाई।

पीला ही पीला

बसन्त जादूगर

फूल मन।

मेरी बगिया का वसंत

मुझे जब-जब बगिया में खिले फूल-कलियां पर मँडराते भोंरे की गुंजार, तितलियाँ की चंचलता, पेड़-पौधों के बीच सुबह-सुबह चिड़ियों की चहचाहट और कोयल की सुमधुर कूक सुनने को मिलती है, तब-तब मैं अपार प्रसन्नता का अनुभव करती हूँ। चूँकि आज वसंत है और ऐसे अवसर यदि मैं अपने प्रिय प्रकृति प्रेमी कवि पंत को याद करूँ तो यह वसंत अधूरा रह जाएगा-

"अब रजत स्वर्ण मंजरियों से, लड़ गई आम्र रस की डाली

झर रहे ढाक, पीपल के दल, हो उठी कोकिला मतवाली"

अपना घर - prakash sah

देखते  ही  देखते  इस  शहर के कई  बागों  में  हजारों नये फूल  खिल  गये

ना जाने मुझे अपने बाग के लिए कितने बसंत तक इंतज़ार करते रहना पड़ेगा

वसुधैव कुटुम्बकम् 'व्यंग्य लघुकथा'

"ओह, तो उनका नुमाइंदा बन कर आये हो। अरे भाई, कैसी छोटी बात कर दी आपने? मैं जो कुछ लेता था, सारा मोहल्ले पर ही तो खपा देता था।... और थोड़ा कुछ बचा भी होगा तो इधर सेवा में लगा दिया, जहाँ अब रहता हूँ। इस मोहल्ले या उस मोहल्ले में कोई फ़र्क नहीं मानता मैं तो। सब अपने ही तो भाई हैं।" -माधव जी ने वसुधैव कुटुम्बकम् का आदर्श दर्शाया।

नई पुस्तक के लिए आदरणीय मीना शर्मा जी को बधाई एवं शुभकामनाएँ-

'तब गुलमोहर खिलता है' - मेरा तीसरा कविता संग्रह

विघ्नहर्ता विनायक की असीम कृपा, मेरे कान्हा के अनुग्रह, माँ शारदे के कृपा कटाक्ष, गुरुजनों, माता-पिता, पूर्वजों के आशीर्वाद से आज मेरे तीसरे कविता संकलन 'तब गुलमोहर खिलता है'  का प्रकाशन कार्य संपूर्ण हुआ और वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर यह पाठकों के लिए उपलब्ध हो गई है।

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आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे आगामी गुरुवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


8 टिप्‍पणियां:

  1. सखी मीना जी को अशेष शुभकामनाएं
    सुंदर अंक भाई रवीन्द्र जी
    आभार ..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सखी मीना को जन्मदिन की शुभकामनाएं
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरी रचना को इस सुन्दर पटल पर स्थान देने के लिए प्रिय भाई रवीन्द्र जी का बहुत आभार! सभी रचनाकारों को भी उनकी सुन्दर रचनाओं के लिए बधाई! आ. मीना जी को भी उनकी नई पुस्तक के लिए विशेष बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  5. सभी रचनाओं से मुखातिब हुई । मेरी रचना लेने के लिए रविन्द्र जी शुक्रिया ।
    मीना जी को हार्दिक बधाई । लेकिन उनका ब्लॉग नहीं खुल रहा ।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर अंक सभी रचनाकारों को बधाई और शुभकामनाएं। मीना जी का ब्लॉग नहीं खुल रहा। मुझे समय नहीं मिल पाया सुबह से। शायद लिंक सही नहीं हुआ 🙏🙏

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  7. सभी का सादर धन्यवाद। मेरे ब्लॉग का लिंक नहीं खुल रहा है, शायद कोई तकनीकी गड़बड़ है।
    वैसे भी आज मन बहुत उदास है मेरी प्रिय गायिका लता मंगेशकर के चले जाने से....

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  8. सभी को बसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएं।
    मेरी रचना को बेहतरीन रचनाकारों के बीच में सम्मिलित करने के लिए आभार एवं धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

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