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मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

3291 ...हर बात में कितना वजन रखना है ...पर कितने ग्राम?

सादर अभिवादन
देखते ही देखते
एक माह व्यतीत हो गए
हमारी उम्र के और
वर्ष 2022 के के भी
और हम
नए वर्ष की खुशियों  में
अब तक झूमते रहे
ये नहीं देखते कि
हम गत एक वर्ष में
पाया कुछ भी नहीं
मनन करिए,,,बहुत कुछ
खोया अब तक...पर जो
हुआ है हासिल
उसे तो तह कर लें
अरररर्रर्र..ये क्या लिख मारी..

मुझे तो रचनाएं चुननी हैं ....



वह सोच में पड़ गया कि हर चीज़
हिसाब से करनी चाहिए कहने वाले ने
क्या कभी कुछ बेहिसाब न किया होगा।
हर बात में कितना वजन रखना है
कितने ग्राम कहना है




वादे नये इरादे पुराने हैं।
नेताज हमारे बड़े दिलवाले।
कब अकड़ना है
और कब पैर पकड़ना है
नेता जी ये बड़े अच्छे से जाने।
आपत्ति में भी अपने लिए
अवसर ढूढ़ने वाले।



उठाया है तो क्या गिराना उसे ही,
यही रीत दुनिया की है तुम निभाना.
 
नहीं हैं ये अच्छे नियम ज़िन्दगी के,
करें क्या, है ज़ालिम मगर ये ज़माना.




अंबर पर तारे छिड़कना
और फिर यों हीं
वियोगिनी की भांति
चुपचाप विचरते जाना
जाते-जाते क्रीड़ाएँ करते
हल्के झोंको का
पत्तों को कच्ची नींद से
जगाते  जाना




मुझे अच्छा लगता है ... जयंत !!
हाहाकार मच गया
क्लास में ,
देखो तो,
कैसी है !!!
खुले आम बोलती है ...


आज बस इतना ही

सादर 

14 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात💐
    बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति और प्रस्तुत करने का अंदाज़ तो बहुत ही खूबसूरत है
    जैसे-
    अरररर्रर्र..ये क्या लिख मारी..
    मुझे तो रचनाएं चुननी हैं ....
    पढ़कर लबों पर मुस्कान आ गई😊
    खूबसूरत रचनाओं के साथ मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद प्रिय मैम

    जवाब देंहटाएं
  2. हर रचना पढ़ आई । हर रचना का अलग संदर्भ । सराहनीय अंक ।

    जवाब देंहटाएं
  3. काफी वजनदार प्रस्तुति और मजेदार भी।

    जवाब देंहटाएं
  4. आप सब साहित्यिक दोस्तों का तहे दिल से शुक्रिया व असीम शुभकामनाएं|
    मेरी रचना "करैक्टर सर्टिफ़िकेट" को पढ़ने व स्नेह देने के लिए आभारी हूँ|

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन लिंक्स के साथ ही एक नया ब्लॉग भी मिला ।
    शुक्रिया ।

    जवाब देंहटाएं
  6. हम सब में दम है
    सादर शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  7. भीनी भीनी हलचल ...
    आभार मेरी गज़ल को जगह देने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं

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