---

गुरुवार, 27 जनवरी 2022

3286...एकसूत्रता क्या होती है भारत यह दिखलाता है...

शीर्षक पंक्ति: डॉ.अभिज्ञात जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

73 वे गणतंत्र दिवस समारोह की गरिमामयी ख़ुशबू बिखेरती रचनाओं के साथ  गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।

 आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-

हम सूरज की संतानों को!/देशभक्ति गीत/डॉ.अभिज्ञात

एकसूत्रता क्या होती है

भारत यह दिखलाता है।

इंद्रधनुष कैसे बनता है

यह सबको सिखलाता है।

गीत : अपना ये गणतंत्र पुकारे : संजय कौशिक 'विज्ञात' 

माली अपने मुखिया अपने 

सेवक बन प्रण लेते हैं 

निर्भय रखते जन-मन को 

जो निर्भयता नित देते हैं 

पुष्प लदे ये प्रान्त सरीखे 

बाग सुगंधित रखना है।।

गणतंत्र दिवस


पल्लवन इस वट बृक्ष का,

बुद्धि शक्ति तरकीब से हुआ।

तब इस सघन छाया में बैठना,

हम सबको नशीब हुआ।

गणतंत्र दिवस की कविता 2022


संविधान की हर शाखा ने 

बीज न्याय का बोया है 

जैसे गंगा की धारा ने 

पाप हॄदय का धोया है 

जात पात की बेल विषैली 

मिलकर मारण करना है।।

जागो हे नवयुग के दाता।

भुजबल,विवेक के शस्त्र को साधो,

समर शेष है! सज हो साधु,

तन-मन-धन बलिदान करो अभी,

जन-गण का कल्याण करो अभी,

भारती के हे सुयश सारथी

शौर्य-शिखर पर बढ़ा दे टोला।

 भारत के हे भाग्यविधाता,

जागो हे नवयुग के दाता।

 और अब चलते-चलते राजस्थानी लोक जीवन की खट्टी-मीठी बातें कहता है एक गीत-

साची बातां लागें कड़वी

क्षणभंगुर माणस रो जीवण

मोहमाया मह अटक्यो।

दो जूणा री रोट्यां खातिर

छोड़ ठिकाणा भटक्यो।

चील कागला बैठ ताक में

बगुला भगता री जात रही।।

*****

आज बस यहीं तक

फिर मिलेंगे आगामी गुरुवार।

रवीन्द्र सिंह यादव


8 टिप्‍पणियां:

  1. एकसूत्रता क्या होती है
    भारत यह दिखलाता है।
    इंद्रधनुष कैसे बनता है
    यह सबको सिखलाता है।
    शानदार अंक..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. सराहनीय संकलन मेरे सृजन को स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया सर।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. खूबसूरत प्रस्तुति
    सादर आभार🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. राष्ट्रपर्व गणतंत्र दिवस पर, राष्ट्र चेतना और देश भक्ति से ओत प्रोत रचनाओं का संकलन, सभी कलमकारों को शुभकामनाएं,
    मेरी रचना सम्मलित करने हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर, सराहनीय और पठनीय अंक । बहुत शुभकामनाएँ आपको आदरणीय सर 👏👏

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत अच्छी सामयिक हलचल प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह!खूबसूरत प्रस्तुति अनुज रविंद्र जी ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।