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मंगलवार, 14 दिसंबर 2021

3232 .किलकारियों भरा आंगन, किसे पूछूँ कहांँ गया

सादर अभिवादन
दि‍संबर...एक बेचारा सा
लताड़ खाता है सभी से
लाड़ से निहारते हैं
नन्हें मुन्ने जनवरी को
हो गई मान मनुहार
अब रचनाएं देखें...

काफी दिनों के बाद दिखाई पड़े मोहित जी


" आज झेलम कस्बे के सेलिब्रिटी, श्री डफली कश्यप जी ने 34 साल की उम्र में अपने साढ़े 13 साल के प्रतियोगी परीक्षा के करियर से सन्यास की घोषणा की। डेढ़ साल पहले ही डफली जी ने अपने कस्बे और आस-पास के गाँवों में सबसे ज़्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने का रिकॉर्ड बनाया था। उनके संन्यास लेने के बयान से उनके परिजनों और दोस्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है और उनकी सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठी उनकी गर्लफ़्रेंड भी दूसरे बैकअप प्रेमी की और दौड़ गई है। आइए डफली जी से जानते हैं कि कब और कैसे उनकी ऐसी डफली बजी..."




सुबह सुबह मैं हैरान सी क्यूँ हैं ? कुछ तो गड़बड़ है, वीणा स्नानघर में कपड़े धोते हुए पास लगे शीशे में खुद को निहारती है, चेहरे पे भी असमंजस की स्थिति स्पष्ट झलक रही है ।
    अरे हाँ..अब समझ आया... आज चिड़ियाँ गायब हैं । कहाँ गईं ? उनकी चूं चूं चां चां चाँ चाँ चीं चीं सब गायब है.. क्यूँ वो आज इतनी शांत हैं ? क्या बात हो गई ?





गंगा जमुनी मेल में रही बनारस शान।
तुलसी रामायण रचें, कबिरा संत महान।।

कर्मभूमि उस्ताद की,काशी है संगीत।
कत्थक ठुमरी साज में,जगते भाव पुनीत।।




”अक्ल के अंधो देखो!
शब्दों को त्याग दिया है
बेचैनियों की गिरफ़्त में है
लगता है प्रेम में है।”




शब्द!
रख लो कुछ मेरे,
वक्त पर काम आयेंगे!
देखना!
बदलता रहेगा
हर चेहरे का रंग-रूप,
धूप और पानी
तो सब ये मौसम के नजारे हैं।





क्यों अपना ही घर हमें, छोड़कर भागना पड़ा
हुक्मरान थे नींद में, हमें जागना पड़ा
पुस्तैनी जमीन छोड़ी, सपनों का मकां गया
किलकारियों भरा आंगन, किसे पूछूँ कहांँ गया
...
आज बस इतना ही
सादर

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही उम्दा और सरहानीय प्रस्तुति🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरी इस रचना को आज के अंक मे शामिल करने के लिए आपका तहेदिल से आभार,आशा करता हूँ कि पाठकों को अच्छी लगी होगी यह रचना. धन्यवाद 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय दीदी !
    विविधतापूर्ण रचनाओं का सुंदर अंक ।
    मेरी लघुकथा को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार ।
    सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
    आपको नमन और वंदन ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर संकलन।
    मेरे सृजन को स्थान देने हेतु सादर आभार आदरणीय यशोदा दी।
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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