दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
रविवार, 8 अगस्त 2021
3114 ...एक सोंधा सा एहसास बना रहता है देर तक वर्षा थम जाने के बाद
14 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
जी ! अलसायी-सी रविवारीय सुबह की सुप्रभातम् वाले नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपने साहित्यिक मंच की आज की इंद्रधनुषी प्रस्तुति में जगह देने के लिए ...
जवाब देंहटाएंआपकी आज की भूमिका के "अपराध की संज्ञा" के संज्ञान लेने के पहले पाठकवृंद निश्चित रूप से "छेड़-छाड़ की परिभाषा" भी आप से जानना चाहेंगे .. अगर वह भी स्पष्ट होता तो .. अपराध-बोध के साथ "चिप्पणिया" चिपकाने में कतई गुरेज़ ना होता .. बस यूँ ही ...😴😴🥱🥱
सर ये चिप्पणिया क्या होती है?
हटाएंमुझे तो लगता है कि गलती से टिप्पणियां के जगह चिप्पणिया लिख गया है सायद! 🤔
जी नहीं ! यशोदा जी ने चुहलबाजी करते हुए .. "चिपकाने" के साथ "चिप्पणियां" की तुकबन्दी की हैं .. शायद ...
हटाएंपर ये सब तो ठीक है, लेकिन तुम्हारे शहर के बाज़ार में इन दिनों "बधाई" बहुत ही मंहगी हो गई है क्या ? .. जो तुम केवल जिन लोगों की रचना दोनों मंचों (वैसे तो, मालूम नहीं, तुम "दोनों" किस-किस को कह रही हो, यह स्पष्ट नहीं है।) पर शामिल की गई है, उन्हें ही "बधाई का पात्र" बतला कर "बधाई" बाँट रही हो .. एक ही मंच पर वाले को क्यों नहीं ???😂😂😂😂😂
तुम्हारे अनुसार दो (दूसरे का पता नही) मंचों पर चिपकना क्या बधाई की पात्रता है 🤔🤔
अगर मंहगाई की वजह से सब को (एक मंच वाले को भी) नहीं बाँट पा रही "बधाई" तो, यशोदा जी या दिग्विजय जी से नगद या चेक या MT ले लेती "रुपइया" ...
( इसको seriously मत लेना, बस ठिठोली सूझी, तो कर लिए .. बस यूँ ही ...)😃😃😃
वर्षा ऋतु अपनी ढलान पर उतरती हुई छोड़ जाती है दुःख सुख के अगिनत पल - - ख़ूबसूरत अंक, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार - - नमन सह आदरणीया।
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात सभी को 🙏🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति दोनों चर्चामंच की प्रस्तुति लगभग एक जैसी ही है आज! सभी को बहुत बहुत बधाई !जिनकी रचनाएँ दोनों जगह शामिल की गयीं हैं ! बहुत बहुत बहुत बधाई🎉💐💐🎊 वाकई ये लोग बधाई के पात्र है! 👍🤗
किस विश्वविद्यालय के, किस महाविद्यालय के, किस विषय के अन्तर्गत ये "बधाई के पात्रता" की परिभाषा पढ़ी हो , बतलाना, हम की भी पढ़ना है ...😅😅😅
हटाएंआपका हृदय से आभार।सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका...। मेरी रचना को शामिल करने के लिए साधुवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन, सामयिक विषय के साथ साथ विचारणीय भी हैं,सभी रचनाओं पर गई,सभी रचनाएँ अपनी जगह मुकम्मल हैं,और संदेशपूर्ण भी । शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह 🙏💐
जवाब देंहटाएंहरियाली अमावस्या की शुभकामनाएं..
जवाब देंहटाएंधौल-मखौल यहीं संभव हैं,
बेहतरोत्तर अंक
सादर..
यूँ कि बाकी अनियमित प्रस्तुति होती हैं ? जिसमें छेड़ छाड़ करने की अनुमति होती है ? खैर .... हम तो बस पूछ रहे ,वैसे छेड़ छाड़ का भी अपना आनंद है ।
जवाब देंहटाएंआपके आदेशानुसार सब जगह चिप्पड़ियाँ बनाम टिप्पणियाँ चिपका आये हैं , एक जगह छोड़ कर । वहाँ भी जाएँगे थोड़ा वक्त तो लगता है ।
शानदार प्रस्तुति
क्षमा किजिएगा .. आपके "यूँ कि" से शुरुआत हुई आज की प्रतिक्रिया से, शोले फ़िल्म की नायिका (नाम तो पता ही होगा) के तकिया क़लाम की याद ताज़ा हो गयी .. अनायास ... ..😀😀
हटाएंअब ये जानकर रोना 😢😢 आ रहा कि आप अपने मन से ज़ालिम लोशन की शीशी पर "चिप्पणियाँ" नहीं चिपकायीं, बल्कि यशोदा जी आदेशनुसार चिपकायीं हैं .. और "एक जगह छोड़ कर" वाले भी , हम ही थे .. शायद ...😂😂😂
आभारी हूँ दी मंच पर स्थान देने हेतु।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बेहतरीन हैं।
सादर
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं