दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
मंगलवार, 20 जुलाई 2021
3095....अपनी जमीन भी बिसर गयी
12 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
व्वाहहहह..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का चयन..
आभार आपका
सादर..
सुंदर संकलन। आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन।
जवाब देंहटाएंमदारी का खेल - -शामिल करने हेतु असंख्य आभार आदरणीय कुलदीप जी, सभी रचनाएं अपने आप में सौंदर्य समेटे हुए हैं, नमन सह।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन ! अभी नाहामारी का खतरा टला नहीं है, बहुत ही सावधान रहने की जरुरत है !
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाओं का संकलन,बहुत बहुत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और गहन रचनाओं का संकलन। खूब बधाईयां सभी रचनाकार साथियों को।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन । एकाकी कोना भाया
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर संकलन👌
जवाब देंहटाएंरोचक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत संकलन
जवाब देंहटाएं