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शनिवार, 19 जून 2021

3064... अस्तित्व

 हाज़िर हूँ...! उपस्थिति दर्ज हो...

पता नहीं पारस लोहा को सोना बनाता कि नहीं बनाता, लेकिन किसी को कोई ऐसा मिल जाता है जिसके सम्पर्क में आने से बदल जाता है..

वजूद

मेरी सुबह में न तेरी बातें रहीं

न वो रातों में तेरा सुरूर

मगर बिखरा है तेरा रंग बाकी इन हवाओं में

वजूद

राजा-महाराजाओं के दरबार में भी स्वांग किया जाता था. ये सिलसिला सैंकड़ो साल पुराना है, उस दौर में पुरानी गाथाओं को नाट्य विधा के जरिये मंचित किया जाता था. ये काम अब भी जारी है. हाँ, अब हम अपनी लोक कला की इस संस्कृति को भूलते जा रहे है. हम इसे बनाये रखे हुए है. हम इसमें किसी ऐतिहासिक पात्र का रूप धारण करते है.

अस्तित्व

जिस घर में पिता होता है उस घर पर कोई बुरी नजर नहीं डालता, वह भले ही कुछ ना करता हो या ना करने के काबिल हो, लेकिन “कर्तापुरुष” के पद पर आसीन तो होता ही है और घर की मर्यादा का खयाल रखता है.. किसी भी परीक्षा के परिणाम आने पर माँ हमें प्रिय लगती है, क्योंकि वह तारीफ़ करती है, पुचकारती है, हमारा गुणगान करती है, लेकिन चुपचाप जाकर मिठाई का पैकेट लाने वाला पिता अक्सर बैकग्राऊँड में चला जाता है… 

अस्तित्व

टूटी हुई उम्मीदों की एक मात्र आस हो,

हर जान का तुम ही तो आधार हो,

नफरत की दुनिया में तुम ही तोह प्यार हो,

उठो अपने अस्तित्व को सम्भालो ,

केवल एक ही नहीं

हर दिन की लिए तुम ख़ास हो।

बहुत कुछ दफ़न है

हमारे शहर मै फूलो कि कोई दूकान नही

बस एक शख्स के मुस्कुराने से काम चलता है

किसी से कोई भी उम्मीद रखना छोड़ कर देखो,

तो ये रिश्ते निभाना किस क़दर आसान हो जाए

ज़ुल्फ़ों के बादलों के तले चल रहें हैं हम..,

बरसात हो रही है मगर ,जल रहें हैं हम.

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पुन: भेंट होगी...
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6 टिप्‍पणियां:

  1. पता नहीं
    पारस लोहा को
    सोना बनाता है
    कि नहीं बनाता,
    लेकिन किसी को कोई
    ऐसा मिल जाता है
    जिसके सम्पर्क में
    आने से बदल जरूर जाता है..
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. सभी रचनाएँ अपने दामन मे जीवन के अलग अलग उत्कृष्ट भाव सँजोये हुये है , सुंदर रचनाओं का संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब आदरणीय दीदी।
    भूमिका की चंद पंक्तियां अपनें आप में पूर्ण हैं।------
    पता नहीं पारस लोहा को सोना बनाता कि नहीं बनाता, लेकिन किसी को कोई ऐसा मिल जाता है जिसके सम्पर्क में आने से बदल जाता है..-------
    सच है जीवन निरंतर बदलती अनुभूतियों का नाम है। कोई यदि अस्तित्व बदलने का हुनर रखता है तो इन्सान के वजूद के साथ उस प्रेरक व्यक्तित्व का अभिन्न नाता जुड़ जाता है सदा -सदा के लिए। सभी रचनाकारों ने बहुत प्रभावी लिखा है विषय विशेष पर। सभी को सादर नमन और शुभकामनाएं। आपको बहुत बहुत बधाई इस भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए। प्रणाम और आभार 🙏🙏🌷🌷💐🌷🌷💐

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  4. किसी की रचना को साझा करके उसे व्यापक फलक तक पहुंचाने का कार्य अभिनन्दन योग्य है।

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  5. सुन्दर रचनाओं का संकलन 👌👌👌👌

    जवाब देंहटाएं

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