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रविवार, 23 मई 2021

3037 ...एक से हो गए हैं अब सप्ताह के सारे दिन

सादर अभिवादन
औषधि भी और चाय भी
7 जड़ी बूटियों वाला आरोग्य कसायम काढ़ा  
ये एक खास आयुर्वेदिक काढ़ा होता है,
जिसमें गुडूची, शुण्ठी, भूम्यामलकी, यष्टिमधु, मरिच, 
पिप्पली और हरीतकी जड़ी बूटियां होती हैं.
इन सब को सम भाग लेकर खलबत्ते में कूट कर
एक चम्मच एक गिलास पानी में
एक कप बचते तक उबाल लें
हर मर्ज की एक दवा


अब आज की रचनाएँ...

जिस उपनाम को इंसान की सही शिनाख्त, उसकी सहूलियत के लिए, उसकी ठोस पहचान के लिए बनाया गया था ! समय के साथ उसी पर समाज को तोड़ने, उसे विभाजित करने, ऊँच-नीच में दरार डालने, जाति-वर्ग की दिवार खड़ी करने का आरोप लगने लग गया

एक से हो गए हैं
अब सप्ताह के सारे दिन,
कोरोना ने छीन लिया है
इतवार से उसका ताज.

सीने पर हिमालय-सा बोझ
ओढ़ाने लगता है अवसाद की चादर
आंसू धोने लगते हैं
सुख के निशानों को
तब
उठाने लगते हैं सिर अनेक प्रश्न -
जीना अब किसके लिए
जीना अब क्यों




मैं सबकुछ छोड़कर
तुम्हारी हर
खता भूलकर
एक नई शुरुआत करती मैं
पर
जब मैंने मुड़कर देखा
तुम तो जा चुके थे
मैं इंतजार करती रह गई
रोक लेना था मुझे...
यह सुनने के लिए



कुछ दर्द तो होगा पर हमेशा नहीं रहेगा
याद रखो तुम्हारे भीतर का प्यार
किसी के प्रति समर्पण वह अब भी तुम्हारे पास है
वह भी तुम्हें खोज रहा है
जिसे तुम्हारे प्यार की तलाश है।

मुस्कुराओ और फिर से  निकल जाओ
अपनी तलाश में।
......
गुडूची- गिलोय, शुण्ठी....सोंठ, भूम्यामलकी..... भूमि आंवला
यष्टिमधु ...मुलहठी,  मरिच...काली मिर्च 
पिप्पली ....फरपीपर, और हरीतकी....हरड़
....
अब बस
कल दीदी आएगी
सादर



10 टिप्‍पणियां:

  1. सभी को सुप्रभात
    आदरणीया बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीया

    जवाब देंहटाएं
  2. श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
    संग्रहनीय प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरी कविता को "पांच लिंकों का आनन्द" में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार यशोदा अग्रवाल जी 🙏 -डॉ शरद सिंह

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर प्रस्तुति.मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. बढ़िया प्रस्तुति । कुछ नए लिंक्स मिले ।

    जवाब देंहटाएं

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