---

रविवार, 17 जनवरी 2021

2011 ..हुए सदियों, कोई गुजरा न इधर, जाने, कैसा ये शहर

सादर नमस्कार
भाई कुलदीप जी ऑनलाईन मीटिंग में हैं
कह रहे थे पता नहीं कब तक चलेगी
चलिए काम किसी के रोके रुकता नहीं न है

देखिए आज का पिटारा...


लग न जाए, इन ख्वाबों को भी पर!
फिरे आसमानों, पर बेफिक्र,
दूर कितना, सितारों का वो घर,
जाने, कैसा ये शहर!


जिंदगी में थोड़ा सा दुःख जरूरी है ...आपकी सहेली

दुःख को शिक्षक समझें। उससे सीख लें। तनाव एवं समस्याएँ ही हमारे मन को जागृत रखते हैं। समाधान खोजते समय अनजाने हमारा व्यक्तित्व निखरता है। जैसे सोने में खोट मिलाए बिना आभूषण नहीं बनते, ऐसे ही समस्या सुलझाने से आत्मविश्वास बढ़ता है। दुःख ही हमें अपने और गैरों से परिचित करवाता है।


नन्हीं परी ....आकांक्षा

हुस्न तेरा क्या कहिये
किसी हूर से कम नहीं तू
या है एक नन्हीं परी
श्वेत वस्त्रों से सजी है |


परख हीनता ....अग्निशिखा

उन नितांत संधि पलों में,
हम बहुत कुछ रख आते हैं बंधक,
अदृश्य भस्म लपेटे सारे अंग में,
निरंतर भटकते हैं किसी
मृग -सार की तरह बदहवास,
आईना क्रमशः उतार देता है,
परत दर परत जिस्म से सभी
दिखावटी रंजक,


हुस्न के दीदार से निकला ...छान्दसिक अनुगायन

फ़क़ीरों की तरह मैं भी जमाना छोड़ आया हूँ
बड़ी मुश्किल से माया मोह के किरदार से निकला

चुनौती रेस की जब हो तो आहिस्ता चलो भाई
वही हारा जो कुछ सोचे बिना रफ़्तार से निकला


बहुत कमा लिया .....मेरी धरोहर

जिस दिन दुनिया से जाऊंगी
कुछ दुआएं भी ले जाऊंगी
लोग कमा लिए इतने
कि कुछ तो मेरे जाने
 से गमगीन रहेंगे
मेरी कविता को ही
मेरे लिए गुनगुना देंगे


सैनिकों के सम्मान में ...जिज्ञासा की जिज्ञासा

सरहद पर कब से खड़े हुए ।
सीना ताने तुम अड़े हुए ।।
आंखों में नींद के डोरे हैं,
पैरों में छाले पड़े हुए ।
प्रहरी तुम थक तो नहीं गए ।।
....
बस इतना ही
कल की कल
सादर

 

6 टिप्‍पणियां:

  1. उम्दा लिंक्स चयन
    असीम शुभकामनाओं के संग इस श्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं

  2. सुप्रभात
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर

    जवाब देंहटाएं
  3. शानदार अंक
    आभार पढ़वाने के लिए
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर प्रस्तुति व संकलन, सभी रचनाएं असाधारण हैं, मुझे जगह देने हेतु असंख्य आभार आदरणीय दिग्विजय जी - - नमन सह।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन रचनाओं के सुंदर संकलन तथा प्रस्तुतीकरण के लिए आपका बहुत बहुत अभिनंदन..मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका कोटि कोटि आभार एवं नमन..सादर..

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।