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बुधवार, 28 अक्टूबर 2020

1928..अगर नहीं हालत बदली, हालात को बदला जायेगा

 


।। प्रातःवंदन ।।
अब न लाभ उठाने देंगे, ग़ुरबत और लाचारी का
भीख पे जीना छोड दिया अब, हक़ मांगें ख़ुद्दारी का

अगर नहीं हालत बदली, हालात को बदला जायेगा
समय बदलना ही शायद, अब इंक़लाब कहलाएगा
तेजेन्द्र शर्मा 

ये सच हैं कि कुछ आँधियों पर हमारा हक नहीं पर  खुद पर इख्तियार तो हैं ..
सुंदर सोच के विस्तार के साथ अब पढ़ें चुनिंदा लिंकों पर...✍️

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परंतु शब्द भी खोखले प्रभावरहित थे 

हमारा व्यवहार संवेदनारहित 

भाव दिशा भूल ज़माने से भटक चुके थे 

शुष्क हृदय पर दरारें पड़ चुकी थी 

अब रिश्ते रिश्ते नहीं पहचान दर्शाने हेतु....

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सभ्य औरतें शिकायत नहीं करतीं वे ढोलक की थाप पर सोहर गाते ननद सास को ताने देते विदाई गीत और गारी गाते अपने दुखों को पिघला कर कतरा कतरा निकालती रहती हैं लेकिन शिकायत नहीं करतीं। बगल के पृष्ठ पर एक पेड़ की शाख के ऊपर चमकते चाँद की मद्धिम रोशनी में एक औरत ढोलक की थाप पर अपने दुखों को थपकी दे रही है।

🔅🔅





हो गए हो, गुम कहीं आज कल तुम!

हाँ संक्रमण है, कम ही मिलने का चलन है!

वेदना है, अजब सी इक चुभन है!

तो, काँटे विरह के, क्यूँ बो रहे हो तुम?
🔅🔅

शेषप्रान्त कहीं नहीं - -






पूर्व से पश्चिम तक, आम्र कुञ्ज से
थूअर तक, शिराओं से हृदपिंड
तक, जीवन का कोई
शेषप्रान्त नहीं,
कहाँ किस
मोड़
पर छोडूं तेरा हाथ, सोच के डरता हूँ,
हर तरफ है घना कोहरा, हर
तरफ हैं अदृश्य जालों
के तंतु, किधर से
बचा कर
तुझे
निकालें, इस आख़री प्रहर का कोई



🔅🔅


 



तन के घट भरा स्वांस रस

रत्ती रत्ती घटता जाये

संघर्षों की तीक्ष्ण आंच में

हुआ वाष्पन उड़ता जाये।

 रण-भूमि कागज की छाती

कलम नही,ये है तलवार

🔅🔅

।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️

13 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. मेरे ब्लोग पर आपका स्वागत है।एक बार आकर सभी रचनाएँ पढ़ें और अपना बहुमूल्य मूल्यांकन दें

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    2. मेरे ब्लोग पर आपका स्वागत है।एक बार आकर सभी रचनाएँ पढ़ें और अपना बहुमूल्य मूल्यांकन दें

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  2. आकर्षक संकलन व प्रस्तुति - - मेरी रचना शामिल करने हेतु हार्दिक आभार - - नमन सह।

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  3. उत्तर
    1. मेरे ब्लोग पर आपका स्वागत है।एक बार आकर सभी रचनाएँ पढ़ें और अपना बहुमूल्य मूल्यांकन दें

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  4. सभी रचनाये अति सुंदर हैं

    मेरी रचना Kओ सम्मिलित करने के लिए आभार
    satishrohatgipoetry.blogspot.com

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  5. अत्यंत सुन्दर एवं मनोहर प्रस्तुति। बहुत ही आनंदकर व नए विचारों को जन्म देनेवाली रचनाओं को पढ़ क्र मन तरो-ताज़ा हो गया। हृदय से आभार व आप सबों को प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन आदरणीय पम्मी दी।मेरे सृजन को स्थान देने हेतु दिल से आभार।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. रोचक संकलन हेतु हार्दिक आभार ।

    जवाब देंहटाएं

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