---

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

1672..गुस्ताखी माफ, आज देर हुई

देर रात काव्य गोष्ठी में व्यस्त
भाई रवीन्द्र जी इतने मग्न हुए
हमे सूचित भी करना भूल गए
सादर अभिवादन..
आज की रचनाओं पर एक नज़र

फटे हालात और ज़र-ज़र ज़िन्दगी,
एक ओर कबीला स्थानांतरित हुआ है,
दो जून की रोटी के लिए डाला डेरा,
ज़ज्बात सिमटते-सिमटते बिखर गये,
रह गयी है बस एक पुनर्वास कालोनी,


नागर नटखट निर्गुणी , गोविंदा गोपेश ।
अजया अचला अक्षरा, दामोदर देवेश ।
दामोदर देवेश  , दानवेन्द्रो दुखभंजन ।
जगन्नाथ जगदीश,  सर्वपालक सुखरंजन ।
योगिश्वर यदुराज ,अनादिह अच्युत आगर ।
सत्यवचन सद्रूप  ,निरंजन नटवर नागर।।


मैं 'मैं' होना चाहती हूँ
दूर कही जाकर 
खुद में रमना चाहती हूँ
घने जंगल में जाकर
पत्तों की सरसराहट....और
झींगुर को सुनना चाहती हूँ

फूलों के अंबार जहाँ  
हम काँटों को चुन लेते, 
सुंदरता की खान जहाँ  
कुरूपता हम बुन लेते !

देव जहां आतुर नभ में 
आशीषों से घर भरने,
स्वयं को ही समर्थ मान
लगते बाधा से डरने !

कुछ दुआएँ
मैं एक गुल्लक मे
रखता था..
चन्द कौडिया थी,
रहमतो मे लिपटी हुयी..
बुजुर्गो ने बरकते दी थी..
...
इस सप्ताह का विषय
हम-क़दम का नया विषय
....
सादर





11 टिप्‍पणियां:

  1. देर आये कोई बात नहीं नही आ सकने से अच्छा है
    आपसे तो हड़बड़ी में भी गड़बड़ी नहीं हो पाती
    सस्नेहाशीष संग शुभकामनाएं छोटी बहना
    सराहनीय संकलन

    जवाब देंहटाएं
  2. शुक्रिया आपका जी, आज की रचनाओं में कबीला को स्थान देने के लिए। आपका प्यार और स्नेह मुझें हक़ीक़त में लिखने को प्रेरित करता है।
    शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  3. भूल के लिये क्षमा. आदरणीया यशोदा बहन जी ने समय रहते बात संभाल ली. एक बार पुनः मैं पाँच लिंकों का आनंद के जागरूक सुधि पाठकों से असुविधा के लिये क्षमा प्रार्थी हूँ.
    बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया यशोदा बहन जी.
    तुरत प्रस्तुति में शानदार प्रस्तुतीकरण.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर प्रस्तुति जल्दी में भी... शुभकामनाएं व आभार !

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह! आदरणीय दीदी हडबड़ी में आपकी धीरज भरी स्नेहिल प्रस्तुति लिंकों पर
    सकारात्मकता भर रही है। असली नाविक वही है जो धैर्य से डगमगाती नाव को संभाल ले। रविंद्र भाई जी के समान ही आज की शानदार प्रस्तुति के लिएआप सराहना की पात्र हैं । सभी रचनाकारोंको हार्दिक बधाई और शुभकामनायें। आपको आभार और सिर्फ आभार। 🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह थोड़े से समय में आपने ग़ज़ब प्रस्तुति बना ली सखी जी ।
    सुंदर लिंक चयन ।
    सुंदर प्रस्तुति।
    बहुत बहुत आभार आपका सखी, मैं आज दिल से चाह रही थी कि ये मेरा प्रयास आज चर्चा लिकों पर हो तो बहुत अच्छा लगेगा, आपने मेरी मुराद सुन ली बहुत-बहुत आभार।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन लिंकों से सजी सुंदर प्रस्तुति दी ,सादर नमस्कार

    जवाब देंहटाएं
  8. वाह!!बहुत खूबसूरत प्रस्तुति 👌👌

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।