अब बारी है विषय की
विषय क्रमांक 102
दुआ
उदाहरण
दूर दुनिया का मेरे दम अँधेरा हो जाये
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये।
रचनाकार - मोहम्मद अलामा इक़बाल
अंतिम तिथिः 04 जनवरी 2020
प्रकाशन तिथिः 06 जनवरी 2020
सादर
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जवाब देंहटाएंयशोदा दी , आपके ब्लॉग के प्रति मैं वर्ष के आखिरी दिन आभार व्यक्त कर रहा हूँ। ब्लॉग जगत में मुझे यहाँ कई शुभचिंतक मिले और एक भाई जैसा स्नेह भी मिला है।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका पुनः हृदय से धन्यवाद।
वैमनस्यता से दूर हम सभी अपने हृदय को सद्भाव रुपी जवाहरात से भरे, मानसिक, आध्यात्मिक एवं शारीरिक उन्नति करें, ऐसी कामना करता हूँ।
प्रणाम।
सस्नेहशीष व असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका छोटी बहना
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं नये साल की । सुंदर अंक।
जवाब देंहटाएंमन थोड़ा भावुक भी है और एक खुशनुमा अनुभव भी महसूस कर रहा हूँ इस वक्त।
जवाब देंहटाएंबात करूँ, या यूँ खामोश रहूँ?
दरिया था, चुपचाप उसे था बह जाना,
ओढ़ी थी, उसने भी खामोशी,
बंदिशों में, मुश्किल था बंध जाना,
बीत चला, यूँ वर्ष पुराना!
लेकिन, उसकी खामोशी में हमने समाज की कटु विसंगतियों पर दर्द भी महसूस किया है। साथ ही, बहुत सारी उपलब्धियां हमें गर्वान्वित भी कर गई हैं ।
काश, हम थोड़ा और धनात्मक हो जाएँ नए वर्ष में और हमारा नजरिया सिर्फ अपना सर्वश्रेेष्ठ देने और सर्वश्रेष्ठ हासिल करने की हो ।
नव-वर्ष की अग्रिम शुभकामनाओं सहित आप सभी का। पुरुषोत्तम ।।।।।।।
-बहुत अच्छी और सराहनीय प्रस्तुति।
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