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रविवार, 15 दिसंबर 2019
1612...लिहाफ़ ओढ़ूँ,तानूं,खींचूं...
14 टिप्पणियां:
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मैं दार्जिलिंग में रहा हूंँ, इसलिए निश्चित ही बर्फबारी के आनंद और उससे होने वाली कठिनाइयों को समझता हूँ, लेकिन अपने उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों में ठिठुरन के साथ ही गलन का जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गरीब एवं श्रमिक वर्ग के लिए कंबल एवं अलाव की समुचित व्यवस्था हो, यह सरकार का धर्म - कर्म है।
जवाब देंहटाएंपिछले दो दिनों की बरसात ने ठंड को बढ़ा दिया है। ठिठुरन से श्रमिक वर्ग परेशान है।
रही बात अलाव की तो वह या तो सरकारी कागजों पर जल रहे हैं अथवा फिर कवियों की रचनाओं में.. ?
जरा घर से बाहर निकल कर हम देखें तो सही किसी चट्टी चौराहे पर नगरपालिका परिषद अथवा प्रशासन ने अलाव जलवाया है क्या या फिर किसी सामाजिक संगठन में यह पुण्य कार्य कर रखा है.. ?
वैसे तो पूस-माघ का महीना बहुतों को 'महानुभाव' 'प्रख्यात समाजसेवी', 'उदारमना' आदि से अलंकृत होने का महीना होता है । वे सौ रुपए से भी कम का थोक में कम्बल जुटातेे हैं । इसके बाद बड़ा सा जलसा, महोत्सव, सेवा कैम्प आदि लगता है । बड़ा सा मंच शोभायमान होता है । क्लास वन और क्लास टू श्रेणी के लोग बुला लिए जाते हैं तथा फोर्थ श्रेणी का यह कम्बल बांटा जाता है । खूब तालियाँ बजती हैं ।
सभ्य समाज के ऐसे जेंटलमैनों को क्या कहा जाए.. ?
पांच लिंक जैसे प्रतिष्ठित ब्लॉग पर मेरी रचना को प्रमुखता देने के लिए आपका हृदय से आभार रवींद्र भाई जी। सभी को प्रणाम।
बेहतरीन दृश्य...
जवाब देंहटाएंअभी चित्र मिला है..
बढ़िया प्रस्तुति..
सादर..
बढ़िया प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंव्वाहहहह
जवाब देंहटाएंत्वरित में बनी प्रस्तुति
काफी से बेहतर है
आभार
सादर
बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंरवींद्र जी, बहुत बहुत धन्यवाद मेरी ब्लॉगपोस्ट को शेयर करने के लिए। नींद पर कविता...शैल सिंह, व्याकुल पथिक की हकीकत भरी रिपोर्ट,माजरा क्या है ज़रा देख तो लो......अनीता सैनी ,और अपकी बहेलिया का गुनाह क्या है ज़रा देख तो लो, सभी रचनाऐं बेहद खूबसूरती से अपने अहसासों को बयां कर रही हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारा अंक है रविंद्र जी। जान एलिया जी के बारे में इतना पहली बार जाना। शशि भाई का लेख अपनी तरह का आप है।उस पर सोने जा सुहागा है आज मंच पर उनकी ज्ञानवर्धक टिप्पणी।बहन सुजाता जी की रचना बहुत सुंदर रही। आजके सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनायें। आपको भी बहुत बहुत बधाई इस सुंदर संकलंन के लिए 🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंअप्रतिम प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअद्भुत रचनाएं उत्तम प्रस्तुति,सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति सर.मेरी रचना को स्थान देने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया. देर से आयी माफ़ी चाहती हूँ.
जवाब देंहटाएंसादर
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जवाब देंहटाएंPoems on Broken Trust in Hindi!
जवाब देंहटाएंdosti par hindi kavitayen!
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