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शनिवार, 16 नवंबर 2019

1583... हार


हार से रार, नहीं खाना खार सीखा,
उड़ना पर विरोध पर पर मार सीखा,
कामना भावना संग साधना साध लेना
भावार्थ तमाभार विजय वार सीखा

एक हार जो हर जीत से बड़ी है




कि उसका जीतना ,शायद उसे ही अच्छा न लगे ।
मेरी शिकस्त को सोंचकर उसकी आंखें भर जाएं
शायद कल उसको भी लगे कि निर्दोष था मैं,और
न ही कोई छल कपट किया था मैंने उसके साथ ।
हो सकता है तब वो मुझे माफ़ कर दे, उस ख़ता


हार पर कविता के लिए इमेज परिणाम

जीतना चाहता है हर शख्स यहां
न जाने किस बात से है मजबूर
भाग रहा है सफलता पाने को
पर मेहनत को न मंजूर
छूना चाहते हो आसमाँ त़ो
चखना हार का मजा जरुर

हार


याद जब आती है



बड़ी शिद्दत से चाहा था तुम्हे अपना बनाने को
मगर तूने कह दिया एक दिन मुझको भुलाने को
इक पल में वादे टूट जायेंगे किस्मत रूठ जायेगी
तुझे अपना बनाने कि वो हसरत छूट जायेगी
><
फिर मिलेंगे
><
विषय नम्बर पंचानवे
आहट
उदाहरणः

वह एक आहट थी
या तुम्हारा आगमन
मन में वासंती फूल
खिल-खिलकर
महक उठे थे
और
खो गई थी कहीं
गोकुल की गलियों में ।
कृति आभा पूर्वे

अंतिम तिथि- 16 नवम्बर 2019
शाम 3 बजे तक मेल द्वारा
प्रकाशन तिथि-18 नवम्बर 2019


15 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमन
    रार नहीं तकरार नहीं
    है तो सिर्फ प्यार ही प्यार
    सादर..

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  2. 'हार' शब्द पर रचित सुंदर रचनाओं का सराहनीय संकलन।

    सादर नमन आदरणीया दीदी।

    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।


    हार कर भी जीत जाते हैं बाज़ीगर

    जीत कर भी संभाल नहीं पाते

    जीत की शुचिता महिमा गरिमा

    हार का हार भला कौन पहनता है

    हार तो सिक्के का दूसरा पहलू है

    हार को स्वीकारना फिर लक्ष्य साधना

    जीवटता यही तो कहती है हर बार।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर!
    शानदार विषय पर शानदार संकलन।
    सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  4. जी दी बेहद सराहनीय रचनाएँ हैं।
    उम्दा संकलन हमेशा की तरह।

    जवाब देंहटाएं
  5. माँ एक ऐसी इंसान होती है जो अपने बच्चे के सारे दर्द को खुद के अंदर समा लेती है। Mother Love Status Thank You Sir.

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