दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
---
शुक्रवार, 20 सितंबर 2019
1526...एक हम हैं कि भिड़े हैं अंतरयुद्ध में...
12 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
युगों से मनुष्य के अंतर्मन में भी एक परमाणुविक युद्ध चला आ रहा है,वह है असमानता का..
जवाब देंहटाएंकभी उसे रोकने के प्रयत्न में आदमी सफल होता है, तो कभी उसे धर्मयुद्ध अथवा क्रांति का नाम दे , बाह्यजगत में प्रगट किया जाता है..
परंतु युद्ध तय है..
हर प्राणी के अधिकार अथवा आत्मरक्षा के लिये..
यही प्रकृति का नियम है..
हम इससे भाग नहीं सकते है..?
सादर प्रणाम, आपकी प्रस्तुति कुछ अलग ही होती है।
जवाब देंहटाएंइक दिन कड़ी धूप में मैंने
उसकी छाया जब माँगी तो
उसने उसकी कीमत चाही
मेरी कमियाँ मुझे गिनाईं !
मेरे पैरों के नीचे की,
धरती भी अब तो उसकी थी !!!
-------
मीना दी, आपकी रचना " मानव जीवनदर्शन " है..
वह कविता ही क्या जिसमें सिर्फ शहनाई की गूंज हो, सिसकियाँ न हो.. सत्य का बोध न हो.. पूरे ब्लॉग जगत के लिये आपकी लेखनी किसी वरदान से कम नहीं है, प्रणाम..
बेहतरीन प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाएँ..
सादर..
कहीं गूंगी गुड़िया बोल रही है तो कहीं विवशता को अनछुआ रखने की जदोजहद है.
जवाब देंहटाएंआज की हलचल में सब कुछ है प्रतिभा का उगना भी और हमारे ठौर के राहगीरों का दर्द भी... कर्तव्यहीन भूमि भी शामिल है तो कहीं ओजोन परत का साया सुहावना भी है.. शानदार.
आभार.
शानदार प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और विविधतापूर्ण प्रस्तुति रविन्द्र जी । मेरी रचना को इस संकलन में स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति, छोटी भुमिका में बड़ा ड़रावना स्तरीय छुपा है आने वाले कल का भयावह सत्य।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं बहुत उम्दा।सभी रचनाकारों को बधाई।
बहुत ही सुन्दर हलचल का संकलन |भूमिका में दिखा वक़्त का डरावना चेहरा.... उम्मीद यही ऐसा कुछ न हो |सभी शानदार रचनाएँ, मुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार |
जवाब देंहटाएंसादर
आनंददायी सूत्रों के लिए हार्दिक आभार ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवींद्रजी, मेरी रचना को पाँच लिंकों में स्थान देने हेतु सादर आभार। पिछले कुछ समय से मेरा लिखना बंद हो सा हो गया है। फेसबुक पर भी मेरी रचनाओं को शेयर करने पर रोक लगा दी जा रही है। ऐसा दो बार हुआ है, पता नहीं कैसे? प्रस्तुति में अपनी रचना देखकर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंअन्य रचनाएँ भी सुंदर हैं। बहुत सारा धन्यवाद।
बहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई