---

शनिवार, 24 अगस्त 2019

1499... का 99

1499 के लिए इमेज परिणामहार्दिक आभार मुझे झेल लेने के लिए...

99 के लिए इमेज परिणाम 
पर आउट होने वाली
अनुभूति नहीं बता सकती... जाइए 


99 के लिए इमेज परिणाम
दिल्‍ली दल,होशंगाबादी समूह,एकलव्‍य परिवार तथा
विभिन्‍न स्‍थानों से आए सभी साथियों ने तुम्‍हारा स्‍नेह आमंत्रण सुना 
और प्रसन्‍न हुए। कहते हैं, ‘अपनी फसल लहलहाते देख 
कोई इतना प्रसन्‍न नहीं होता, जितना दूसरे की बर्बाद होते देख होता है।’ 
सभी प्रसन्‍न हैं कि एक और फंसा।

99

99 के लिए इमेज परिणाम

समय अवधि का मकसद जमीन के बार-बार यूज और
उसके ट्रांसफर पर लगाम लगाना है। शुरुआती दिनों में
इसे एक सुरक्षित समय अवधि के विकल्प के तौर पर देखा गया था,
जो लीज लाइफ को कवर करता है। साथ ही यह संपत्ति के
मालिकाना हक को सुरक्षित रखने के लिए सही अवधि मानी गई।
99 के लिए इमेज परिणाम
इहां तक ले की करज-पताई खोजी के भी रमायन
अपनी बलभर आपन इज्जत ढाँपें। ओन्ने चिखुरी के त अलगहीं हाल रहे।
अरे इहाँ तक की उ सबेरे-सबेरे उठी के अपनी मलिकाइन की संघे
रमायन की घरे चली जाँ अउरी चाय-वोय पियले की बादे अपनी घरे लौटें।
चिखुरी की घरे दाली-दही-तिउना कबो महीना-महीना तक नसीब नाहीं होखे
 जबकि रमायन की घरे एक-दू जूनी आँतर देके दाली-तिउना आदी बनिए जा।

निन्यानवे


99 के लिए इमेज परिणाम
एक राजा अपने महल के ऊपर मंत्री के साथ बैठा था।
महल के नीचे एक मजदूर गरीब पति-पत्नी रहते थे।
खूब हँसते तथा प्रसन्न थे। राजा ने मंत्री से कहा कि हमारे पास अनंत संपदा है,
सभी साधन हैं, परंतु जैसे यह जोड़ा खिलखिलाकर हँसता है
हमें कभी ऐसी हँसी नसीब नहीं हुई। क्या कारण है?

निन्यानवे

99 के लिए इमेज परिणाम

प्रात:काल का समय था. एक बलिष्ठ व्यक्ति पेड़ के नीचे बैठा हुआ था.
उसी समय एक  मठ के महंत जी हाथी पर सवार होकर उधर से निकले.
क्ति को जाने क्या सूझी कि उछल कर हाथी की पूंछ पकड़ ली.
पकड़ इतनी मजबूत थी कि हाथी एक पग भी आगे न चल सका.
सबके सामने बड़ी हंसी हुई कि एक व्यक्ति ने हाथी को रोक दिया.
मठ लौटने पर महंतजी बड़े बेचैन थे.  वह परेशान थे कि
कहीं कल भी वह व्यक्ति  ऐसी हरकत न दोहरा दे ?

><

Ninyaanve1499 के लिए इमेज परिणाम
है न हर्ष की बात .... झूमे नाचे गायें जीने की सौगात

हम-क़दम के अगले अंक (85 वें ) का विषय है -
शिला 
इस विषय पर आप अपनी रचनाएँ हम तक आगामी शनिवार 24 अगस्त 2019 सायं 3:30 बजे तक इस ब्लॉग पर बायीं ओर दिये गये संपर्क फ़ॉर्म के ज़रिए भेज सकते हैं- 

इस विषय पर 
उदाहरणस्वरूप प्रस्तुत है कविवर जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य 'कामायिनी' से एक अंश-   

'हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर,
बैठ शिला की शीतल छाँह
एक पुरुष, भीगे नयनों से
देख रहा था प्रलय प्रवाह |

नीचे जल था ऊपर हिम था,
एक तरल था एक सघन,
एक तत्व की ही प्रधानता
कहो उसे जड़ या चेतन |

दूर दूर तक विस्तृत था हिम
स्तब्ध उसी के हृदय समान,
नीरवता-सी शिला-चरण से
टकराता फिरता पवमान |

तरूण तपस्वी-सा वह बैठा
साधन करता सुर-श्मशान,
नीचे प्रलय सिंधु लहरों का
होता था सकरूण अवसान।

उसी तपस्वी-से लंबे थे
देवदारू दो चार खड़े,
हुए हिम-धवल, जैसे पत्थर
बनकर ठिठुरे रहे अड़े।

अवयव की दृढ मांस-पेशियाँ,
ऊर्जस्वित था वीर्य्य अपार,
स्फीत शिरायें, स्वस्थ रक्त का
होता था जिनमें संचार।

चिंता-कातर वदन हो रहा
पौरूष जिसमें ओत-प्रोत,
उधर उपेक्षामय यौवन का
बहता भीतर मधुमय स्रोत।'

-जय शंकर प्रसाद 

आज बस यहीं तक 


11 टिप्‍पणियां:

  1. निन्यानबे का चक्कर में
    सारी दुनिया लगी हुई है..
    अच्छी प्रस्तुति सदा की तरह
    सादर नमन..

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर लिंकों से सुसज्जित आज की प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  3. ९९ के फेर में जो फंसा, उसका खाना-पीना, हंसना जागना मुहाल हो जाता है
    बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. निन्यानवे के फेर पर शानदार रचनाओं का चयन किया आदरणीया विभा दीदी ने.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  5. सदैव की तरह अनुपम अंक दीदी ।

    जवाब देंहटाएं
  6. Want to withdraw funds from the Binance account but unfortunately, unable to do so? If you are experiencing difficulty in handling all kind of troubles, you can always ask for help from the team who has all the knowledge about the Binance common issues and can fix all of them in no time. You can call on Binance customer care number 1(833)-464-7652 which is available around the clock for help. You can reach the team for help and also, get the best idea from the professionals in no time. You can have contact with any of the professionals related to trouble and avail best solution from the team in no time.

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।