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मंगलवार, 16 जुलाई 2019

1460....बदतमीजी कर मगर तमीज से, नहीं तो आजादी के मायने बदल जाते हैं

स्नेहिल अभिवादन

बछिया की भी गर्दन मरोड़ फेंक आया मंदिर के पिछवाड़े... 
अब कलेजे में पड़ी थी ठंढक
उधर औरत की लाश तैर रही थी कुंए में और मंदिर के 
पिछवाड़े एक मरा बच्चा मिला था ...
पुलिस छानबीन कर रही थी और रघु साधू के भेष में 
घूम रहा था वृन्दावन की गलियों में...
गौशाला में डेरा डाले रवि गायों की सेवा से पाप धो रहा था 
और औरत को बेटी जन्माने की सज़ा मिली थी।

मानसून के शुरुआत में चंद छींटे और बौछार, उसके बाद तो
पूरा अषाढ़ बीत गया बरखा रानी हमारे शहर  बरसना भूल गयी है।
घटायें छाती हैं उम्मीद बँधती है कि बारिश होगी पर, बेरहम हवायें बादलों को उड़ाकर जाने कहाँ ले जाती हैं, एक भी टुकड़ा 
नहीं दिखता बादल 

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वह अस्तबल नहीं, देश का जाना माना, एक प्राइवेट प्रशिक्षण संस्थान था जहाँ देश भर से घोड़े उच्च शिक्षा के लिए आते। संस्थान में कई घोड़े थे। मालिक चाहता कि सभी घोड़े और तेज दौड़ें. और तेज..और तेज। इस 'और' की हवस को पाने के लिए वह अनजाने में ही घोड़ों के प्रति क्रूर होता चला गया। 

चलो कर लूं आज
यादों की जुगाली
कि
जिंदगी में हर दरवाजा
आगे की ओर नहीं खुलता....

तू जो लौटा होता 
पाया होता बदला हुआ मुझे

जबकि बदलाव मुझमे न था 
-तुम कहती थी

तुम्हारे साथ रहते नही बदला 
रत्तीभर

आज भी 
आज को 
उसी अंदाज में 
देखो 
उनकी 
तरफ तो 
नजर से 
नजर मिलाते 
नजर आ जाते हैं 
बदतमीजी 
बहुत 
हो रही है 
चारों तरफ 
-*-*-*-*-
अब बारी है विषय की
हम समझते हैं कि
यह विषय पहले भी दिया गया है
कॉपी नहीं चलेगी..
अस्सी नम्बर का विषय
अहसास
उदाहरणः
सुनो ना !
सोचा है आज
तुम तनिक अपने
मन की राई से
प्रेम का तेल
बहने दो ना जरा ...
रचनाकार सुबोध सिन्हा

अंतिम तिथि-20 जुलाई 2019(सायं 3 बजे तक)
प्रकाशन तिथि- 22 जुलाई
प्रविष्ठियाँ ब्लॉग सम्पर्क प्रारूप पर ही मान्य

अब दें इज़ाज़त
यशोदा












16 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभातम दी,
    विविधापूर्ण रंगों से सजा बहुत सुंदर संकलन है आज का।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार आपका।
    सादर शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  2. व्वाहहहह...
    बेहतरीन..
    धर्म और कर्म
    दोनों का समावेश.
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात !
    विविधतापूर्ण सुन्दर रचनाओं से सजा बेहतरीन संकलन ।

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह!!यशोदा जी ,लाजवाब प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सस्नेहाशीष संग असीम शुभकामनाएं छोटी बहना
    सराहनीय प्रस्तुतीकरण

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार लिंकों का चयन सभी रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर हलचल प्रस्तुति 👌,सभी रचनाएँ शानदार, सभी को हार्दिक शुभकामनायें
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. सुप्रभात 🙏
    बेहतरीन अंक
    उम्दा रचनाएँ
    मुझे यहाँ स्थान देने के लिए आभार आपका आदरणीया सह्दय

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर अंक। आभार यशोदा जी बदतमीज 'उलूक' की तमीज को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  10. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन..

    जवाब देंहटाएं
  11. आपका आभार प्रकट करने में विलम्ब के लिए क्षमाप्रार्थी !!!

    जवाब देंहटाएं
  12. सुंदर संयोजन
    मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  13. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं

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