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शनिवार, 18 मई 2019

1401.. बुद्ध

आने वाला कल तय होगा
कल 19/05/2019 आखरी मतदान है


कल 17/05/2019 बुद्ध पूर्णिमा के पूर्व संध्या पर
पुस्तक लोकार्पण सुखद रहा

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सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष

दो पक्ष दो पहलू हर बातों का/नजरिया का
aसदैव सिद्ध परबचन में, खुद को दर्शा जाते

बुद्ध
Poem on Buddha Purnima in Hindi
प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
मोक्ष की कामना कर.
स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
किसने देखा कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर चल.

बुद्ध
buddha deshna
राग-रंग नहीं करना तुझको
संयम है तेरा बल
मानव जीवन तुझे मिला है
रखना इसे निर्मल.

बुद्ध

भगवान गौतम बुद्ध पर कविता
अपनी ही कैद से भागे
खुले आसमान के नीचे
क्या मिला वहाँ
विचार,एहसास ..अनुभव…
ज्ञान भी …बाँट लेने को
मानती हूँ मिला होगा
बहुत कुछ …..
पर ज्ञान वो नहीं जो
जो तुमने
किताबो में लिख दिया
और हमने पढ़ लिया ||

बुद्ध
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इक दिन ऐसा फिर आयेगा,
तुम स्वयं बुद्ध हो जाओगे।

बुद्ध
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बुध वाणी  संगीतमय बनकर
दिव्य ज्योति फैलाया हर बार.
हर  सुर, ताल, लय  एक सूत्र में  बँधा ,प्रसारित हुई
बुद्ध वाणी धरा पर  बनी अनंत शक्ति, दिखा कर जगत को
एक नए चमत्कार।
><
फिर मिलेंगे..

-*-*-*-*-
अब बारी है
इकहत्तरवें विषय की
विषय
छाया
उदाहरणः
छाया के 
बैरी थे लाखों
लम्पट ठेकेदार,
मिली-भगत सब 
लील गई थी
नदियाँ पानीदार।
अब है सूखी झील 
कभी यहाँ 
पनडुब्बा तिरते थे।

अन्तिम तिथि- 18 मई 2019
प्रकाशन तिथि-20 मई 2019

14 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात ।
    बेहद खूबसूरत प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय दीदी
    सादर नमन
    सदा की तरह बेमिसाल प्रस्तुति
    सादर....

    जवाब देंहटाएं
  3. नेता जी भी कहे हैं अब बुद्ध की जरूरत है। :) बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार प्रस्तुति।बुद्ध के लिए सुख ने वाले सभी रचनाकारों को बधाई । सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. अद्भुत संकलनों की शानदार प्रस्तुति।
    कल सभी को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏

    जवाब देंहटाएं
  7. बुद्ध पूर्णिमा पर ज्ञानवर्धक ,बहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार दी

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय दीदी -- सुंदर अंक बुद्धत्व की आभा से महिमामंडित |हम सब जीवन में - जीवन के ही दुखों , अनंत मोह और अभिलाषाओं से ग्रस्त हो कर कभी ना कभी बुद्ध अवश्य बनते है पर बुद्ध बनकर रहते नहीं है और कुछ देर बाद पूर्ववत जीवन में लौट आते है और उन्ही अनंत लिप्साओं और कामनाओं में पूर्ववत खो जाते हैं | प्रत्येक काल - खंड में बुद्ध प्रासंगिक है और आने वाली सदियों तक रहेंगे | जरुरत है उनके करुणा और प्रेम के आग्रह से भरे मार्ग का अनुसरण करने की | बुद्ध पूर्णिमा ऐसे ही पुरातन और चिरंतन संकल्पों को धारण करने का दिन है | बुद्ध के सन्दर्भ में ये और भी महत्वपूर्ण है , क्योंकि बैशाख मास की इसी पूर्णिमा के दिन बुद्ध धरा पर अवतरित हुए , इसी पूर्णिमा का दिन उन्हें मिले अंतर्ज्ञान का साक्षी रहा और इसी पूर्णिमा के दिन अपनी शिक्षाओं और सिद्धांतों के रूप में नव बीजारोपण कर बुद्ध की चेतना अनंत में विलीन हो गई थी |सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें और आपको विशेष आभार और प्रणाम इस सुंदर प्रस्तुति के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  9. budh ka vyaktitv sach mai bahut vishal hain aur ve aadarniy hain.

    maine bhi ek blog start kiya hain. ap apne vichar prakat kare eske bare main. https://desibabu.in/

    जवाब देंहटाएं
  10. Your article is a good and value able information sir..keep up the good work thanks for sharing this article...
    Sarkariresult hindi

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