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बुधवार, 6 मार्च 2019

1328..वो सुनहरी चंचल रश्मियाँ..



।।प्रातः वंदन।।


नभ की है उस नीली चुप्पी पर 
घंटा है एक टंगा सुंदर,
जो घड़ी -घड़ी मन के भीतर
कुछ कहता रहता बज- बज कर।



डूबे प्रकाश में दिशा छोड़
अब हुआ भोर अब हुआ भोर!
आई सोने की नई प्रातः
कुछ नया काम और नई बात हो
तुम रहो स्वच्छ मन स्वच्छ गात
निंद्रा छोड़ो रे गई रात 
सुमित्रानंदन पंत

सुबह सबेरे की उजास भरी पंक्तियों के साथ आज की लिंकों की कड़ी में शामिल है ब्लॉगों के नाम क्रमानुसार पढ़ें ..✍



नमस्ते 
मन के वातायन
शब्दसुगंध
मन की वीणा
मेरी संवेदना
ग़ज़लयात्रा

💮💮


आज बड़े दिनों बाद 
दिलों में जोश आया है। 
अर्जुन ने आज फिर 
गांडीव उठाया है। 



आज हवाओं ने झूम कर 
फ़ख्र का परचम लहराया है। 

💮💮


श्री शिव शंकर संसार सार,
करते थे अपना श्रृंगार।
सँभाल कर जटाओं में गंग,
धारण कर नाग-चन्द्र।
मलने लगे भभूत,
महादेव अवधूत। 
कुछ भभूत उड़ी



"हुँह, कल शाम को गया हूँ बनिये के यहाँ होली का सामान लाने, तब नहीं कह सकती थी, अब सुबह-सुबह बेसन ले आओ, हलवा बनाना है! अब आज होलिकादहन का टाइम है, कौन कब रंग-रंग करने लगे बाजार में,किसको पता!"
भुनभुनाते सुहावन चचा घर से धोती सम्हालते हुए निकले। पड़ोस के लड़के टल्लू ने छेड़ा।


💮💮


उदास किरणें थक कर
पसरती सूनी मुंडेर पर
थमती हलचल धीरे धीरे
नींद के आगोश में सिमटती
वो सुनहरी चंचल रश्मियाँ
निस्तेज निस्तब्ध निराकार

💮💮


अंधकार रात के हमले में मारा गया
उसे बेकसूर कहना उचित नहीं
वह दुश्मन देश का निवासी पक्षी था
ऊपर से काला रंग 
आजकल तो अपने देश में भी काले रंग का खौफ़ फैला हुआ है
इतना खौफ़ कि अब..


💮💮




चमन सारा लगने लगा सुनहरा।



भैरवी की नयी गूंजती रागिनी
गीत गाता गगन है ख़ुशी से भरा।

💮💮
हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए
💮💮

।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍

15 टिप्‍पणियां:

  1. अतुलनीय प्रस्तुति। आभार आप का। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  2. पम्मी जी बहुत सुंदर प्रस्तुति आपकी सभी रचनाएं अलग सा बोध लिये रंग बिरंगे गुलदस्ता सी मोहक। मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ।
    सस्नेह ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत-बहुत धन्यवाद मैम मेरे ब्लॉग को स्थान देने के लिए

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी लिंक बढ़िया हैं। सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. अनेक रंग रस समेटे लाजबाब प्रस्तुति ,पम्मी जी ,सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही सारगर्भित भूमिका के साथ सराहनीय रचनाओं से संजोया है आपने बेहद उय्दा अंक पम्मी जी..बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी ग़ज़ल शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏

    जवाब देंहटाएं

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