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बुधवार, 31 अक्टूबर 2018
1202..कुछ कहता रहता बज - बज कर डूबे प्रकाश में दिशा छोर..
10 टिप्पणियां:
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बेहतरीन प्रस्तुती....
जवाब देंहटाएंसाधुवाद....
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण संकलन
जवाब देंहटाएंवाह!!सुंदर संकलन ।
जवाब देंहटाएंपंत जी की कविता की सुंदर भूमिका से सुशोभित आज का अंक बहुत सुंदर लगा..सभी रचनाएँ बेहद उम्दा हैं.👌
जवाब देंहटाएंसूंदर संकलन की बधाई पम्मी जी।
कविवर सुमित्रा नन्दन पंत जी की सुन्दर कविता से अंक की शानदार शुरुआत। सरस रचनाऐं। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति आदरणीया पम्मी जी। आपकी प्रस्तुति की शुरुआत तो हमेशा ही बेहतरीन होती है। अच्छी रचनाएँ पढ़ने को मिलीं। शुक्रिया।
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